Breaking: प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना का इलाज जानलेवा हो सकता है, गृह मंत्रालय ने बड़ी जानकारी दी

देश | 5 साल पहले | Tricity Reporter

Tricity Today | गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल



कोरोनावायरस के बचाव और राहत कार्यों को लेकर रोजाना होने वाली गृह मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा, "प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है, हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इसे उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रभावकारिता का अध्ययन करने के लिए ICMR ने राष्ट्रीय स्तर पर इसका अध्ययन शुरू किया है।"

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने एक सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा, "जब तक ICMR अपने अध्ययन का समापन नहीं करता है और एक मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं करवाता है, तब तक प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग केवल अनुसंधान या परीक्षण के उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए। यदि उचित गाइडलाइन के तहत प्लाज्मा थेरेपी का सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाता है, तो यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।"

लव अग्रवाल ने आगे कहा, "प्लाज्मा थेरेपी एक सिद्ध चिकित्सा नहीं है। यह अभी भी प्रायोगिक चरण में है, अभी भी आईसीएमआर इस थेरेपी की अतिरिक्त समझ को पहचानने और करने के लिए एक प्रयोग के रूप में कर रहा है। यह स्वीकृत होने तक कि किसी को भी इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। यह रोगी के लिए हानिकारक और अवैध है।"

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