ग्रेटर नोएडा के दो स्कूल तीन महीने की फीस नहीं लेंगे, अभिभावकों को मिली बड़ी राहत

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



ग्रेटर नोएडा के दो स्कूलों ने इस बुरे दौर में अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। दोनों स्कूलों ने लॉकडाउन पीरियड में तीन महीनों की फीस खत्म कर दी है। स्कूल प्रबंधकों ने बाकायदा पत्र जारी करके अप्रैल, मई और जून महीनों की फीस खत्म कर दी है। स्कूलों ने कहा है कि इस राष्ट्रीय आपदा के वक्त यह सभी की जिम्मेदारी है कि एक-दूसरे की मदद करें।

ग्रेटर नोएडा के लड़पुरा गांव में एलएसएम पब्लिक स्कूल ने अप्रैल-मई-जून महीनों की फीस खत्म कर दी है। स्कूल को संचालित करने वाली सोसाइटी के अध्यक्ष अंकित भाटी ने कहा, हमारे विद्यालय एलएसएम पब्लिक स्कूल ने सभी बच्चों की 3 महीने अप्रैल मई और जून की फीस तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी है। इस राष्ट्रीय आपदा के समय यह बेहद जरूरी था।

अंकित भाटी ने बताया कि स्कूल में कक्षा 8 तक के करीब 2000 छात्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो अभिभावक अब तक फीस जमा कर चुके हैं, उसे जुलाई के महीने में समायोजित कर दिया जाएगा। स्कूल नए सत्र में किताबों और अन्य पाठ्य सामग्री की कीमतों में 30% की कटौती करेगा। लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए डिजिटल क्लास शुरू कर दी गई है। जिसके लिए स्कूल प्रबंधन कोई शुल्क वसूल नहीं करेगा।

दूसरी ओर जेवर के सम्राट पब्लिक स्कूल ने भी तीनों महीने की फीस खत्म कर दी है। स्कूल के प्रबंधक गजेंद्र सिंह तालान ने सभी अभिभावकों को पत्र जारी करके यह जानकारी दी है। गजेंद्र सिंह तालान ने कहा वैश्विक महामारी के कारण सभी आम जनमानस का जीवन किसी न किसी रूप से प्रभावित हुआ है। इसलिए हमारे शिक्षण संस्थान ने सभी छात्रों की तीन माह अप्रैल-मई-जून की फीस को माफ कर दिया है। विद्यालय की प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया लॉकडाउन के बाद पुनः प्रारंभ की जाएगी। इस दौरान अगर किसी अभिभावक ने शिक्षण शुल्क जमा किया है तो जुलाई के महीने में उसे समायोजित कर दिया जाएगा। गजेंद्र सिंह तालान ने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी बनती है कि यथासंभव राहत दें और एक दूसरे की सहायता करें।

आपको बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में तमाम प्राइवेट स्कूल इस बुरे वक्त में भी फीस बढ़ा रहे हैं। फीस जमा करने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा है। जिसके खिलाफ अभिभावक लगातार सरकार, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन पीरियड के दौरान स्कूलों को फीस खत्म करनी चाहिए। ट्रांसपोर्ट फीस नहीं लेनी चाहिए। कुछ अभिभावकों का तो यह भी कहना है कि इस महामारी के दौर में स्कूलों को फीस में कटौती करनी चाहिए। स्कूलों के पास फंड की कोई कमी नहीं है। यह संस्थाएं "नो प्रॉफिट नो लॉस" के आधार पर काम करती हैं, ऐसे में पिछले वर्षों में जो आमदनी हुई है, उससे इस साल के खर्च उठाने चाहिए।

ऐसे वक्त में ग्रेटर नोएडा के इन दो प्राइवेट स्कूलों की पहल अपने आप में बड़े मायने रखती है। यह स्कूल उन शिक्षण संस्थाओ के लिए एक नजीर हैं, जो अभिभावकों पर लॉकडाउन पीरियड में भी फीस वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं।

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