नोएडा समेत देशभर में 24 फर्जी यूनिवर्सिटी चल रही हैं, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सबसे ज्यादा, देखिए पूरी लिस्ट

देश | 4 साल पहले | Harish Rai

Tricity Today |



University Grant Commission (यूजीसी) ने बुधवार को देश में 24 ''स्वयंभू, गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की घोषणा करते हुए एक लिस्ट जारी की है। इन यूनिवर्सिटी को फर्जी करार दिया है। इनमें से अधिकतर संस्थान उत्तर प्रदेश और दिल्ली में चल रहे हैं। एक फर्जी यूनिवर्सिटी नोएडा में भी चल रही है।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा, ''छात्रों और लोगों को सूचित किया जाता है कि देश में वर्तमान में 24 स्वयंभू गैर मान्यता प्राप्त संस्थान हैं जो यूजीसी कानून के विपरीत संचालित हो रहे हैं, जिन्हें फर्जी विश्वविद्यालय करार दिया गया है और इन्हें कोई भी डिग्री देने का अधिकार नहीं है।

  1. वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी
  2. महिला ग्राम विद्यापीठ, इलाहाबाद
  3. गांधी हिंदी विद्यपीठ, इलाहाबाद
  4. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कंप्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर
  5. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
  6. उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, मथुरा
  7. महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़
  8. इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद्, नोएडा

दिल्ली में ये फर्जी यूनिवर्सिटी

  1. कॉमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड
  2. यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी
  3. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग
  4. विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ इंप्लायमेंट
  5. आध्यात्मिक विश्वविद्यालय

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो फर्जी यूनिवर्सिटी

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में इस तरह के दो विश्विवद्यालय हैं। ये इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन (कोलकाता), इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च (कोलकाता), नवभारत शिक्षा परिषद् (राउरकेला) और नॉर्थ ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी हैं।

देश के पांच राज्यों में एक-एक फर्जी यूनिवर्सिटी हैं

कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और महाराष्ट्र में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इनमें श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (पुडुचेरी), क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी (आंध्र प्रदेश), राजा अरबिक यूनिर्सिटी (नागपुर), सेंट जॉन यूनिवर्सिटी (केरल) और बादगनवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसायटी (कर्नाटक) हैं।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा, ''यूजीसी अधिनिसम-1956 के मुताबिक केवल वही विश्वविद्यालय डिग्री दे सकता है, जो केंद्र, राज्य या प्रांत कानून के तहत गठित है या ऐसे संस्थान जिसे संसद ने कानून बनाकर डिग्री देने के लिए अधिकृत किया है।

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