LIVE: लॉकडाउन के बाद कैसा होगा भारत और चीन के भविष्य पर क्या है संकट, ट्राईसिटी टुडे पर चर्चा आज रात 8 बजे

Tricity Today | LIVE with Dr Shubhojeet Banerjee & Dr Manmohan Shishodia



लॉकडाउन के बाद भारत का भविष्य क्या होगा? भारत में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां किस तरह बदलेंगी? क्या महाशक्ति बनने का चीन का सपना पूरा हो पाएगा? चीन को लगने वाले झटके से भारतीय अर्थव्यवस्था को कितना फायदा होगा? इन तमाम मुद्दों पर आज चर्चा करने के लिए ट्राइसिटी टुडे पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के दो प्रोफ़ेसर डॉक्टर सुभोजीत बनर्जी और डॉक्टर मनमोहन शिशौदिया मौजूद रहेंगे।

यह परिचर्चा आज रात 8:00 बजे ट्राईसिटी टुडे के फेसबुक पेज पर लाइव होगी। आप दोनों लोगों से अपने सवाल पूछ सकते हैं। आप हमें अपने सवाल व्हाट्सएप नंबर 95403 20076, 99583 14326 पर भेज सकते हैं। फेसबुक लाइव के दौरान भी चैट बॉक्स में जाकर आप सवाल कर सकते हैं। 

डॉक्टर सुभोजित बनर्जी और डॉक्टर मनमोहन शिशौदिया के नेतृत्व में लॉकडाउन पीरियड के दौरान ही गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने एक रिसर्च की है। जिसमें कोरोना महामारी के कारण दुनिया की बदलती तस्वीर के संभावित परिणाम हैं। इस शोध पर भी चर्चा होगी।

डॉ सुभोजीत बनर्जी
डॉ. सुभोजीत बनर्जी को 20 वर्षों से अधिक का व्यवसाय-प्रबंधन में शोध एवं अध्यापन का अनुभव है। वे पिछले 10 वर्षों से गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। डॉ बनर्जी ने कई ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित किये हैं। इन्होंने वर्ष 1998 में विक्रम विश्वविद्यालय से MBA में प्रथम स्थान प्राप्त करने के पश्चात, कुछ वर्षों तक विभिन्न कंपनी में कार्य कर औद्योगिक विपणन (Industrial and Corporate Marketing) का अनुभव प्राप्त किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से Ph.D की उपाधि प्राप्त की। तत्पश्चात जौनपुर विश्वविद्यालय में उप प्राचार्य के पद पर अध्यापन करने किया। वर्ष 2010 में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में प्राचार्य का पद ग्रहण करते हुए अपने शोध एवं प्रबंध शिक्षण को अभी तक जारी रखा है।

डॉ मनमोहन शिशोदिया
डॉक्टर मनमोहन सिंह शिशोदिया वर्तमान में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) के भौतिकी विज्ञान विभाग में शिक्षक हैं। इसके अतिरिक्त डॉक्टर मनमोहन सिंह शिशोदिया विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण प्रमुख एवं कुलानुशासक भी हैं। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से एम टेक और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। पीएचडी की अवधि में जर्मनी की प्रसिद्ध डाड फ़ेलोशिप प्राप्त की। उल्म विश्वविद्यालय में 6 महीने शोध कार्य किया। पीएचडी के उपरांत अमेरिका की जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी और इजराइल की तेल-अवीव यूनिवर्सिटी में लगभग 4 वर्ष शोध कार्य किया है।

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