फिल्म सिटी भूखंडों के लिए यमुना अथॉरिटी ने किया बदलाव, बचेंगे नहीं बल्कि विकसित करेंगे

Google Image | Dr Arunvir Singh IAS



यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाली फिल्म सिटी भूखंडों को बेचने के बजाय सुविधाएं विकसित कर देने पर जोर रहेगा। यहां पर वे सारी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे फिल्म निर्माता यहां पर शूटिंग कर सकें। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाते समय इन बिंदुओं पर फोकस किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अगले 6 महीने में यहां पर काम शुरू हो जाएगा।

यीडा सिटी के सेक्टर-21 में 1 हजार एकड़ में फिल्म सिटी विकसित की जाएगी। इसमें से 780 एकड़ औद्योगिक उपयोग की है। फिल्म सिटी को मूर्त रूप देते समय नोएडा फिल्म सिटी की गलतियों का दोहराव नहीं होगा। यहां पर स्टूडियो व अन्य कामों के लिए भूखंड बेचने से अधिक सुविधाएं विकसित करने पर जोर दिया जाएगा ताकि फिल्म निर्माता यहां पर आ सकें। म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर, तमाम तरह के स्ट्रक्चर, स्टूडियो आदि को विकसित किया जाएगा। इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि फिल्म सिटी का कुछ हिस्सा पीपीपी मॉडल पर भी विकसित किया जाए। हालांकि अभी इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी के लिए प्रस्तावित साइट में 220 एकड़ जमीन व्यावसायिक उपयोग की है। इसमें तमाम तरह की व्यावसायिक गतिविधियां होंगी। इससे प्राधिकरण आमदनी होगी। उन्होंने बताया कि फिल्म सिटी में 60 से 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके अलावा 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि अगले छह महीने में यहां पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। डीपीआर बनने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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