Google Image | Dr. Arun Veer Singh IAS
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आ रही कंपनियों को देखते हुए यहां स्किल डेवलपमेंट सेंटर (कौशल विकास केंद्र) बनाया जाएगा। यह अपने तरह का उत्तर प्रदेश का पहला केंद्र होगा। इसके लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को सेक्टर-33 ने व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को 8,704 वर्ग मीटर जमीन आवंटित कर दी। साथ ही दोनों के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। ताकि इस संस्थान को जल्द बनवाया जा सके।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एक साल में 500 से अधिक कंपनियों को जमीन आवंटित कर दी गई हैं। इसमें देसी-विदेशी दोनों तरह की कंपनियां शामिल हैं। यहां लगने वाले उद्योगों को प्रशिक्षित मानव संसाधन की जरूरत होगी। मानव संसाधन को प्रशिक्षित करने और उद्योगों के अनुसार मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में कौशल विकास केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने निशुल्क जमीन दे दी है।
प्राधिकरण ने सेक्टर-33 में 8,704 वर्ग मीटर जमीन मंगलवार को व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को सौंप दी है। प्राधिकरण और व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के बीच एमओयू भी हो गया है। प्राधिकरण की ओर से महाप्रबंधक (परियोजना) केके सिंह और विभाग की ओर से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य मनोज सिंह ने एमओयू पर दस्तखत किए।
इस केंद्र में इंजीनियरिंग से अलग पाठ्यक्रम होंगे
गौतमबुद्ध नगर और उसके आसपास बड़ा औद्योगिक हब विकसित हो रहा है। कौशल विकास केंद्र के बन जाने से इस एरिया में हुनरमंद कामगारों की जरूरत पूरी हो सकेगी। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि विवि में स्नातक और परास्नातक के पाठ्यक्रम होंगे। साथ ही डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाएंगे। इसका पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग से बिल्कुल अलग होगा। इस विवि में तमाम तरह के अनुसंधान भी हो सकेंगे।
भारत सरकार से ली जाएगी आर्थिक मदद
कौशल विकास केंद्र बनाने के लिए केंद्र सरकार का भी सहयोग लिया जाएगा। केंद्र के कौशल विकास से संबंधित मंत्रालय को यह प्रस्ताव शासन के जरिये भेजा जाएगा। ताकि आर्थिक मदद मिल सके। कौशल विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है। इसलिए इसमें सहयोग मिलने की उम्मीद है।
एयरपोर्ट के लिए भी रहेगा मुफीद
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों और जेवर एयरपोर्ट के चलते क्षेत्र में 5 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। इसमें प्रशिक्षित कामगारों की सबसे अधिक जरूरत होगी। कंपनियों को उनके मुताबिक मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए यह योजना कारगर साबित होगी। जेवर एयरपोर्ट को लेकर यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में उद्यमियों का रुझान बढ़ा है। लाकडाउन की अवधि में भी यहां पर भूखंडों का आवंटन किया गया है। यह इस बात का संकेत है कि इस क्षेत्र में उद्यमी आने के लिए उत्सुक हैं। इससे यहां प्रशिक्षित मानव संसाधन की भी जरूरत रहेगी।
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह ने कहा, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के साथ एमओयू किया गया है। प्राधिकरण ने निशुल्क जमीन दे दी है।