आपको पता है भारतीय रिजर्व बैंक में कितने डिप्टी गवर्नर होते हैं और अभी कौन हैं, ये क्या काम करते हैं

देश | 4 साल पहले | Testing

Google Image | भारतीय रिजर्व बैंक



भारत में मौद्रिक निति बनाने, लागू करने, बैंकों को लाइसेंस देने, बैंकों को नियंत्रित करने, देश की सम्पत्तियों का आंकलन करने और मुद्रा छापकर नागरिकों को देने जैसे महत्वपूर्ण काम रिजर्व बैंक करता है। रिजर्व बैंक में एक गवर्नर होता है। लेकिन डिप्टी गवर्नर चार होते हैं। इनकी नियुक्ति भारत सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति करती है। हाल ही में इन डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति की गई हैं।

रिजर्व बैंक ने सोमवार को अपने चार डिप्टी गवर्नरों के कामकाज का नये सिरे से आवंटन किया। जिसमें नियमन का काम नव नियुक्त डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव को दिया गया है। राव रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बनने से पहले केन्द्रीय बैंक में ही कार्यकारी निदेशक के पद पर थे। उन्होंने पिछले सप्ताह ही अपना नया पदभार ग्रहण किया। राव ने एनएस विश्वनाथन का स्थान लिया है। विश्वनाथन ने अपना कार्यकाल पूरा होने से तीन माह पहले ही पद छोड़ दिया था। 

रिजर्व बैंक ने चारों डिपटी गवर्नर के कामकाज का बंटवारा कर दिया है। उनकी नई जिम्मेदारी 12 अक्टूबर से प्रभावी हो गयी हैं। एम राजेश्वर राव नियमन का काम देखने के साथ ही दूरसंचार, प्रवर्तन, जांच, विधायी और जोखिम निगरानी का काम भी दखेंगे। केन्द्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है। दूसरे डिप्टी गवर्नर एमडी पात्रा मौद्रिक नीति विभाग का कामकाज देखते रहेंगे। वह आर्थिक और नीति शोध, जमा, बीमा और ऋण गारंटी निगम, वित्तीय बाजार परिचालन विभाग और वित्तीय बाजारों के नियमन विभाग को भी देखेंगे। 

विज्ञप्ति के अनुसार डिप्टी गवर्नर एमके जैन को केन्द्रीय सुरक्षा प्रकोष्ठ, कार्पोरेट रणनीति और बजट विभाग, उपभोक्ता शिक्षा और सुरक्षा विभाग, निरीक्षण विभाग और मानव संसाधन प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई हैं। चौथे डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो हैं। उन्हें समन्वय, मुद्रा प्रबंधन, बाह्य निवेश और परिचालन, सरकार और बैक खातों के विभाग, आईटी, भुगतान और निपटान प्रणाली, विदेशी मुद्रा विनिमय विभाग, आंतरिक ऋण प्रबंधन विभाग, सूचना के अधिकार विभाग और सचिवों के विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।

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