नौकरी नहीं शहर जरूरी : तीन रोजगार मेलों में 42 फीसदी युवाओं ने छोड़ दी जॉब, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

कानपुर | 8 महीना पहले | Jyoti Karki

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Kanpur News : शहर में रह रहे 42 परसेंट युवाओं ने दूसरे शहर में नौकरी करने से मना कर दिया। इसका खुलासा सेवायोजन कार्यालय में लगने वाले रोजगार मेले में हुआ है। नोएडा के युवा नौकरी के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना चाहते हैं। युवाओं में आए नए चलन को देखते हुए अब रोजगार मेलों में निशुल्क काउंसलिंग की सुविधा शुरू की जा रही है। युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए विभाग की ओर से रोजगार मेला लगाया जाता है। इन मेलों में निजी कंपनियां रोजगार देने आती हैं। 

होम सिकनेस का शिकार हो रहे युवा 
पिछले तीन मेलों से युवा शहर के बाहर नौकरी करने के लिए जाने से मना कर दे रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे भी पद शामिल हैं, जिनमें युवाओं को कंपनी की ओर से बड़ा पैकेज भी दिया जा रहा था। युवाओं के इस बिहैवियर पर विभाग की ओर से जब वजह जानी गई तो साफ हुआ कि युवा तेजी से होम सिकनेस का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में विभाग की ओर से यह तय किया गया है कि अब से रोजगार मेलों में युवाओं को मुफ्त काउंसलिंग की सुविधा दी जाएगी।

कोरोना के बाद बढ़ा चलन
कोरोना काल के बाद लोग वर्क फ्रॉम होम करने लगे, जिसकी वजह से घर पर रहकर काम करने की युवा आदी हो गए हैं। अधिकारियों की मानें तो रोजगार मेलों में कोरोना के बाद से ही युवा शहर के बाहर जाने से मना करने लगे थे। अब युवाओं में शहर में काम करने का चलन तेजी से बढ़ा है। काउंसलर इस स्थिति को होम सिकनेस का नाम देते हैं। 

क्या है होम सिकनेस?
जानकारी के मुताबिक, जब शहर के बाहर जाने पर युवाओं के मन में अवसाद, तनाव और आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्ष्ण दिखाई देने लगे तो उसे होम सिकनेस से जोड़ा जाता है। यह लक्ष्ण ऐसे युवाओं में अधिक देखने में मिलते हैं, जो अपने परिवार में परिजनों के बेहद नजदीक होते हैं। कोरोना काल के बाद अधिकतर युवा अपने परिवार के नजदीक रहे। 

ऑनलाइन जॉब भी बनी वजह
युवाओं के शहर के बाहर नौकरी न करने की एक वजह ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब भी मानी जा रही है। अब ऑनलाइन नौकरी युवाओं के लिए एक विकल्प बनकर सामने आई है। इनमें लाभ यह होता है कि यह नौकरियां एक नौकरी पर रहते हुए भी की जा सकता है। इसके अलावा बाहर नौकरी करने पर खर्च भी होता है, इसलिए वे लोग सबसे पहले अपने शहर की नौकरी को ही प्राथमिकता देते हैं।

आंकड़े भी देते हैं गवाही 
सेवायोजन कार्यालय की ओर से इसी वर्ष 16 फरवरी को लगाए गए रोजगार मेले में 220 युवाओं का चयन किया गया था। उसमें से 89 ने अपना शहर छोड़कर बाहर जाने से मना कर दिया। 28 फरवरी को हुए दूसरे रोजगार मेले में 38 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था।  उसमें से 23 ने बाहर जाने से इंकार कर दिया था। लगभग तीन महीने बाद 27 मई को आयोजित रोजगार मेले में भी पिछले आयोजना का ट्रेंड बरकरार रहा। मई में हुए रोजगार मेले में 81 युवाओं का चयन किया गया था। उसमें से 27 ने बाहर जाने से मना कर दिया था।

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