कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या : नोएडा तक फैली आग, एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने कहा- फिर आया निर्भया कांड याद

नोएडा | 3 महीना पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | नोएडा की एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने किया प्रदर्शन



Noida News : कोलकाता स्थित मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस भयावह अपराध के विरोध में देशभर के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस घटना के खिलाफ नोएडा सेक्टर-21ए स्थित शीरोज कैफे में एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने कैंडल मार्च का आयोजन किया। इस मार्च के माध्यम से उन्होंने महिला सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की।

लोगों को याद आया निर्भया कांड
एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने अपने संदेश में कहा कि वे भी हिंसा का शिकार हो चुके हैं और इस प्रकार की घटनाओं का बार-बार होना समाज की नाकामी को दर्शाता है। एक एसिड अटैक सर्वाइवर अंशु राजपूत ने कहा कि यह घटना देश में दूसरा निर्भया कांड जैसा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो महिला सुरक्षा पर क्यों नहीं ठोस कदम उठाए जाते? अंशु ने आरोप लगाया कि हमेशा महिलाओं की गलती को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है, जबकि हाल ही में कोलकाता में हुई घटना में पीड़िता तो ड्यूटी कर रही थी और पूरी तरह निर्दोष थी।

अपराधी को कड़ी सजा मिले
अन्य एसिड अटैक सर्वाइवर मौसमी ने मांग की कि अपराधी को कड़ी सजा मिले और पुलिस द्वारा जांच पड़ताल सही तरीके से की जाए, जिससे कोई महत्वपूर्ण सबूत छूट न जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है और समाज को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

खूब हो रही सरकार की आलोचना
एक और एसिड अटैक सर्वाइवर मानिनी ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश में महिला सुरक्षा को लेकर बहस और चर्चा तो होती है, लेकिन ठोस कार्रवाई की कमी रहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस बार भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या बढ़ती रहेगी।

आज भी देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं
इस कैंडल मार्च और हड़ताल के माध्यम से एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने सरकार और समाज से अपील की है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर प्रभावी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में कानून को कड़ा और प्रभावी बनाना आवश्यक है, जिससे समाज में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

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