Noida News : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों की स्थिति अत्यंत नाजुक बनी हुई है। GRAP-II के तहत कड़े प्रतिबंध लागू होने के बावजूद नियमों की अनदेखी की जा रही है। जिसकी वजह से ही सोमवार को दिल्ली एनसीआर के सभी शहरों की AQI में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।
GRAP-II के तहत प्रमुख नियम और व्यवस्थाएं
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, GRAP-II के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण उपाय अनिवार्य किए गए हैं। इनमें सड़कों की दैनिक मैकेनिकल स्वीपिंग और जल छिड़काव, प्रमुख मार्गों पर धूल नियंत्रण यंत्रों का प्रयोग, तथा निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी शामिल है।
AQI में बढ़ोतरी, नियमों का पालन नहीं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में AQI 381, नोएडा में 319, गाजियाबाद में 314, ग्रेटर नोएडा में 305, हापुड़ में 280, फरीदाबाद में 260 और गुरुग्राम में 310 दर्ज किया गया। प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति के चलते शहर में ग्रेड-2 के प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं, लेकिन इनका पालन अभी भी सख्ती से नहीं हो रहा है।
डीजल जनरेटर सेट्स पर प्रतिबंध
GRAP-II में डीजल जनरेटर सेट्स के उपयोग को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं:
- 800 kW से अधिक क्षमता वाले डीजल जनरेटर सेट्स को कड़े उत्सर्जन मानकों का पालन करना होगा
- 62-800 kW के जनरेटर सेट्स को ड्युअल फ्यूल मोड में चलाना अनिवार्य
- 19 kW से कम क्षमता के पोर्टेबल जनरेटर केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए अनुमत
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा
प्रदूषण नियंत्रण के लिए निजी वाहनों के उपयोग को कम करने पर जोर:
- पार्किंग शुल्क में वृद्धि
- CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में बढ़ोतरी
- मेट्रो सेवाओं का विस्तार
जन-जागरूकता और अन्य उपाय
- मीडिया के माध्यम से लोगों को प्रदूषण स्तर की जानकारी
- RWA को सुरक्षा कर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर की व्यवस्था करने के निर्देश
- यातायात प्रबंधन के लिए विशेष कदम
प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर
विशेषज्ञों का कहना है कि इन नियमों का कड़ाई से पालन न होने के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर हो रही है। प्रशासन को चाहिए कि वह नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करे और जनता को भी इन नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करे।