Greater Noida & Noida News : यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। वैसे तो यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर तक होना चाहिए। जबकि, खतरे के निशान से केवल 2 मीटर बचा हुआ है। ऐसे में नोएडा के वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है, "30 सालों में करीब 56 अवैध कॉलोनियां डूब क्षेत्र में बना दी गई हैं। ऐसी हालत हिंडन नदी की हो गई है कि अगर बाढ़ आएगी तो करीब 1 लाख लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी, अगर जनहानि होगी तो इसका जिम्मेदार कौन सा अधिकारी होगा?
विनोद शर्मा ने किया ट्वीट
विनोद शर्मा का कहना है, "हिंडन नदी के दोनों तरफ सिंचाई विभाग की जमीन की सरकार जांच कराए। जिससे यह पता चले कि इसमें कितनी जमीन सिंचाई विभाग के अधिकारी ओखला की तर्ज पर बेच चुके हैं और कितनी पर अवैध कब्जा हो चुका है।" विनोद शर्मा ने योगी आदित्यनाथ के कार्यालय, डीएम गौतमबुद्ध नगर, नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को टैग करते हुए यह ट्वीट किया है।
लोगों ने सोशल मीडिया पर नोएडा प्राधिकरण को घेरा
पूजा त्रिपाठी का कहना है, "हिंडन नदी के आस-पास लोगों ने काफी संख्या में घर बना दिए हैं, लेकिन नोएडा प्राधिकरण आंखें बंद करके बैठा है। जबकि, नोएडा अथॉरिटी द्वारा पहले नोटिस जारी किया जाता है।" राजेश दुबे का कहना है कि मजदूर, टैक्सी चालक और पटरी लगाने वाले और कम पढ़े-लिखे गरीबों ने 25 से 50 गज जमीन की किसानों से रजिस्ट्री करवा कर और दाखिल-खारिज तहसील से करवा कर मकान बनवाए हैं। यह एक बड़ा सवाल है कि आखिरकार अवैध स्थानों पर रजिस्ट्री कैसे हुई हैं? इस पर विनोद शर्मा ने जवाब दिया है कि जब बाढ़ में घर बह जाएगा तो किसको ढूंढोगे, किसान, रजिस्ट्री करने वाले या सरकार को?
"अफसर होंगे जनहानि के जिम्मेदार"
बिनेश चौधरी का कहना है, "ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हिंडन नदी के किनारे सैकड़ों की संख्या में अवैध घर बने हुए हैं। खुलेआम जिले में अपराध हो रहा है और अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं, आखिरकार इन सब का जिम्मेदार कौन है।" गुलशन शर्मा का कहना है, "यमुना और हिंडन नदी के किनारे को बेचकर माफिया जमीन खा गए हैं। जिले में आने वाले लोग सस्ती जमीन के लालच में आ जाते हैं। इसके लिए पटवारी और अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। सबकी मिलीभगत से जनपद में अवैध कार्य हो रहा है।"