नोएडा में त्यागी समाज की महापंचायत : किसान नेता मांगेराम ने मुरादनगर के दर्जनों गांवों में किया दौरा, कल दिन निकलते ही भंगेल में करेंगे कूच

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | मांगेराम त्यागी ने शनिवार को मुरादनगर विधानसभा के दर्जनों गांवों का दौरा किया।



Noida/West UP : भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने शनिवार को मुरादनगर विधानसभा के दर्जनों गांवों का दौरा किया। इस दौरान त्यागी समाज के लोगों ने पंचायत में बढ़-चढ़ कर हिस्सा किया। यह महापंचायत 21 अगस्त को नोएडा के भंगेल में स्थित रामलीला मैदान में होगी। जिसको लेकर त्यागी समाज के लोग गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हरियाणा, राजस्थान और बिहार के त्यागी समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहेंगे। मुकेश प्रधान बंदीपुर मुरादनगर ने सभी लोगों से अपील की है कि इस त्यागी समाज की महापंचायत को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दें।

मांगेराम त्यागी ने डॉ.महेश शर्मा पर ताना निशाना
मांगेराम त्यागी ने कहा कि सभी समाज के लोग उनके साथ हैं। त्यागी के अनुसार देश-प्रदेश का कोई ऐसा घर नहीं है जहां से इस पंचायत में कोई आदमी ना आ रहा हो। उन्होंने इस पंचायत को करने का कारण श्रीकांत त्यागी मामले में सांसद महेश शर्मा का रवैया बताया है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत अच्छी छवि के इंसान हैं और उन्हें आशा है कि वो इस मामले पर कोई डिसीजन लेंगे। उन्होंने कहा कि मामला घोटाले का है। श्रीकांत त्यागी ने सांसद महेश शर्मा पर कोई आरटीआर लगा रखी है।

महापंचायत में इस मुद्दे पर होंगे विचार
त्यागी समाज ने तय किया है कि महापंचायत के दौरान कोई भी वक्ता राजनीतिक भाषण बाजी नहीं करेगा। राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी के कामकाज पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वक्ताओं को पूरी तरह इसी घटना को लेकर अपने विचार रखने होंगे। अगर उनके पास कोई सुझाव है तो दे सकते हैं। आयोजकों का कहना है कि इस महापंचायत को पूरी तरह सामाजिक आयोजन माना जाए। यह महापंचायत भारतीय जनता पार्टी और राज्य सरकार के खिलाफ नहीं है।

पीएम, सीएम, गवर्नर और राष्ट्रपति को जाएगा ज्ञापन
महापंचायत में लिए गए फैसलों के बाद ज्ञापन तैयार किया जाएगा। आयोजक ने बताया कि यह ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और भारत की राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। ज्ञापन में मुख्य रूप से तीन बिंदु तय किए गए हैं। यह पंचायत के सामने रखे जाएंगे। पंचायत के आदेश पर कोई अन्य बिंदु समाहित किया जाएगा।

अन्य खबरें