BIG BREAKING : बेटी से मिलने नोएडा आए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भारी पुलिस बल तैनात

नोएडा | 11 महीना पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद



Noida News : नोएडा से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नोएडा दौरे पर आए हुए हैं। पूर्व राष्ट्रपति दिल्ली आवास से अपने काफिले के साथ डीएनडी होते हुए सेक्टर-75 पहुंचे। सेक्टर-75 में स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। बताया जा रहा है कि सेक्टर-75 स्थित एक सोसाइटी में उनकी बेटी का फ्लैट है, जिसे देखने के लिए वह आए हैं। उनकी सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है।
आठ माह बाद नोएडा आए पूर्व राष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लगभग महीना पहले नोएडा दौरे पर आए हुए थे। उस वक्त भी उन्होंने सेक्टर-75 में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। बताया जाता है कि उस समय भी वह अपनी बेटी से ही मिलने आए थे। पूर्व राष्ट्रपति के आगमन को लेकर गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट एलर्ट पर है। उनकी सुरक्षा के लिए  चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। उनके आगमन से कुछ देर के लिए यातायात में बाधा आई थी, लेकिन शीघ्र ही उसे ठीक कर लिया गया।

साल, 2017 में ली थी राष्ट्रपति पद की शपथ 
रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई, 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया था। वह उच्चतम न्यायालय में अधिवक्‍ता रहे हैं। देश का सर्वोच्‍च संवैधानिक पद ग्रहण करने से पूर्व वे बिहार राज्य के राज्यपाल थे। रामनाथ कोविन्द को जनता के बीच जमीनी स्तर पर कार्य करने से लेकर उच्‍चतम न्यायालय और संसद तक के विविध क्षेत्रों में कार्य करने का अनुभव है। वे समाज में समता और सार्वजनिक जीवन में सत्‍यनिष्‍ठा व प्रामाणिकता के प्रबल पक्षधर रहे हैं।

आरंभिक जीवन और शिक्षा
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का जन्म 01 अक्‍तूबर, 1945 को उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के परौंख गांव में हुआ था। एक साधारण परिवार से होने के कारण उनका जीवन सादगीपूर्ण रहा। उनकी स्कूली शिक्षा और उच्चतर शिक्षा भी कानपुर में हुई। उन्होंने पहले कॉमर्स ग्रेजुएट की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर कानपुर विश्‍वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की।

व्यावसायिक करियर
रामनाथ कोविन्द ने 1971 में दिल्ली बार कौंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। वे 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केन्द्र सरकार के अधिवक्ता रहे। 1978 में वे भारत के उच्चतम न्यायालय में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड बने। वह 1980 से 1993 तक उच्चतम न्यायालय में केन्द्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता रहे। नई दिल्ली की ‘फ्री लीगल एड सोसायटी’ के जरिए, उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं और ग़रीबों को निशुल्क कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई।

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