नोएडा अथॉरिटी हुई सख्त : अगर सोसायटी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू नहीं तो ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं

नोएडा | 2 साल पहले | Rakesh Tyagi

Tricity Today | नोएडा अथॉरिटी | File Photo



Noida News : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) से 100 करोड रुपए का जुर्माना लगने के बाद नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। शुक्रवार को आदेश जारी किया गया है कि अगर किसी हाउसिंग सोसायटी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू नहीं मिला तो उसको ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं बिल्डर के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी। आपको बता दें कि इसी सप्ताह एनजीटी के जुर्माने वाले आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। प्राधिकरण अपने 100 करोड रुपए बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

प्राधिकरण अधिभोग प्रमाण पत्र करेगा जारी
अगर किसी तैयार हुई ग्रुप हाउसिंग परियोजना में सीवेज ट्रीमेंट प्लांट क्रियाशील नहीं है तो उसे अधिभोग प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। अधिभोग प्रमाण पत्र लेने से पहले एसटीपी क्रियाशील है, यह रिपोर्ट बिल्डर को प्राधिकरण में देनी होगी। इसके बाद बनाए जाने वाला पर्यावरण सेल संबंधित एसटीपी का फिजिकल और टेक्नीकल, दोनों तरह से जांच करेगा। जांच में सही पाए जाने पर प्राधिकरण अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करेगा।

प्राधिकरण में बनाया जाएगा पर्यावरण सेल
इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण की ओर से बिल्डरों को आदेश जारी कर दिया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण में पर्यावरण सेल बनाया जा रहा है। इससे कोशिश की जाएगी कि नोएडा को पूरी तरीके से प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके। इस सेल में 3 पर्यावरण सदस्य और दो सुपर वाइजर होंगे। ये नोएडा में इंटीग्रेटेड वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट का निरीक्षण और ऑडिट करेंगे। इसमें वेस्ट वाटर, फ्रेश वाटर, ग्राउंड वाटर और एसटीपी से ट्रीटेड वाटर मैनेजमेंट से संबंधित सभी पर्यावरण मंजूरी (ईसी) की जांच शामिल होगी। बिना इसकी जांच रिपोर्ट के सीसी जारी नहीं किया जाएगा। प्रदेश में नोएडा प्राधिकरण, पहला ऐसा प्राधिकरण है जिसका अपना पर्यावरण सेल है। यह सेल ग्रांउड वाटर निकासी, सीवरेज, प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण एक्ट के अनुपालन में दी जाने वाली अनुमतियों की भी जांच करेगा।

116 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट
नोएडा में कुल 116 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट है। इसमें से 45 निर्माणाधीन है। इन सभी में एसटीपी लगाने के बाद ही नोएडा प्राधिकरण बिल्डर को ओसी जारी करेगा। इसके बाद बिल्डर खरीदारों को कब्जा देगा, इसके बाद रजिस्ट्री की जा सकेगी। बिना इसके प्राधिकरण परियोजना को पास ही नहीं करेगा। यहां बनाए जाने वाले एसटीपी इनसीटू प्रकार के होंगे। वर्तमान में करीब 11 सोसायटी ऐसी है जिनका सीवरेज नोएडा के सेंट्रल लाइन से जुड़ा है। वहां भी एसटीपी बनाने होंगे।

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