नोएडा में Jaypee Group को लगा झटका : दिवालिया होने के कगार पर कंपनी, अस्पताल पर एक हजार करोड़ का बकाया

नोएडा | 3 महीना पहले | Nitin Parashar

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Noida News : देश की प्रमुख निर्माण कंपनी जयप्रकाश समूह (Jaiprakash Group) के लिए मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एनसीएलटी ने अब समूह की हेल्थकेयर कंपनी जेपी हेल्थकेयर (Jaypee Healthcare) के खिलाफ भी दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। यह जयप्रकाश समूह की आखिरी बची कंपनी है जिसे दिवालिया घोषित किया गया है। एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा दायर एक याचिका पर मौखिक आदेश देते हुए जेपी हेल्थकेयर को कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए स्वीकार कर लिया है। हालांकि अभी तक एनसीएलटी ने इस संबंध में अपनी वेबसाइट पर लिखित आदेश अपलोड नहीं किया है।

नोएडा में मल्टी-स्पेशिएलिटी टर्शियरी केयर अस्पताल
जेपी हेल्थकेयर नोएडा के विशाल शहर में स्थित एक बहु-विशेषज्ञता वाला तृतीयक देखभाल अस्पताल है। यह समूह की अन्य कंपनी जेपी इन्फ्राटेक की सहायक इकाई है। इससे पहले इसी महीने जयप्रकाश एसोसिएट्स को भी दिवालिया घोषित किया जा चुका है, जबकि पहले ही सुरक्षा रियल्टी के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने जेपी इन्फ्राटेक का नियंत्रण हासिल कर लिया था। जेपी हेल्थकेयर पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जिसमें जेसी फ्लावर्स एआरसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्जिम बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ऑफ इंडिया शामिल हैं। इस बीच देश की कई बड़ी हेल्थकेयर कंपनियों ने जेपी हेल्थकेयर के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। इनमें फोर्टिस हेल्थकेयर, अपोलो हॉस्पिटल्स, मेदांता और मैक्स हेल्थकेयर शामिल हैं। हालांकि, इन कंपनियों से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

जेपी इन्फ्राटेक के पास हिस्सेदारी
एनसीएलटी ने पीडब्ल्यूसी समर्थित भुवन मदान को जेपी हेल्थकेयर के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है, जबकि कर्जदाता बैंकों ने शार्दुल अमरचंद मंगलदास को अपना सलाहकार बनाया है। यह भी बताया जा रहा है कि रुचि रखने वाली अस्पताल कंपनियों ने पहले ही जेसी फ्लावर्स एआरसी और सुरक्षा रियल्टी दोनों से संपर्क साधा है। गौरतलब है कि मार्च 2023 में जेसी फ्लावर्स एआरसी ने यस बैंक से गिरवी रखे जेपी हेल्थकेयर के 63.6% शेयरों को भुना लिया था। कंपनी की शेष हिस्सेदारी जेपी इन्फ्राटेक के पास है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच किसी समझौते पर नहीं पहुंचा जा सका है।

दिवालिया घोषित करने की मांग 
पहले यस बैंक ने भी जेपी हेल्थकेयर को दिवालिया घोषित करने की मांग की थी, लेकिन जून 2022 में एनसीएलटी ने इस मामले को जेपी इन्फ्राटेक के लिए समाधान योजना पास होने तक स्थगित कर दिया था। एनबीसीसी ने यह तर्क दिया था कि जेपी इन्फ्राटेक की बोली जीतने वाली कंपनी और जेपी हेल्थकेयर के लेनदारों के बीच आपसी समझौता संभव है। 504 बेड, 18 ऑपरेशन थियेटरों और 35 विशेषज्ञताओं वाला जेपी हेल्थकेयर अस्पताल अब दिवालियापन की प्रक्रिया से गुजरेगा। इससे जयप्रकाश समूह और उसके प्रमोटरों के लिए मुसीबतें और भी बढ़ सकती हैं।

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