भारत का एक ऐसा मंदिर जहां होती है योनि की पूजा : मां कामाख्या का अनोखा प्रसाद, जिसके रहस्‍यों को जानकर खुली रह जाएंगी आपकी आंखें

नोएडा | 4 महीना पहले | Jyoti Karki

Google Image | कामाख्या मंदिर



Noida Desk : हमारे देश में मासिक धर्म यानि की पीरियड्स को लेकर अभी भी महिलाओं को शर्म लज्जा का सामना करना पड़ता है। हिंदू धर्म में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को मंदिर जाने, अचार छूने, पूजा करने, खाना पकाने, पेड़-पौधों के छूने और बाल धोने आदि जैसे कई कार्य वर्जित होते हैं। लेकिन ऐसे में भारत में एक ऐस मंदिर है जहां पर मासिक धर्म की पूजा की जाती है। यह पूजा गुवाहटी के कामाख्या मंदिर (Kamakhya temple) में होती है। जिसमें तीन दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला इस साल आज यानि की 22 जून से शुरू हो गया है आने वाले 26 जून तक चलेगा। आइये जानते है इस मंदिर के बारे में कुछ रहस्यमय चीजें जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। 
51 शक्तिपीठों में सबसे प्रमुख मंदिर 
गुवाहटी में मौजूद कामाख्या मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में शुमार है। कामाख्या देवी मां दुर्गा के रूप में मानी जाती हैं। मान्यता है कि यहां पर माता सती की योनि गिरी थी, इसलिए इस जगह को 51 शक्तिपीठों में सबसे प्रमुख स्थलों में गिना जाता है। आपको बता दें, हर साल यहां अम्बुबाची मेले का आयोजन होता है। यहां पर मूर्ति की नहीं योनि की पूजा की जाती है। इस त्यौहार को मनाने के लिए श्रद्धालु, साधु-संत और तांत्रिक दूर-दूर से आते हैं। 
सफेद कपड़ा हो जाता है लाल 
इस साल अम्बुबाची मेला 22 जून बुधवार से 26 जून रविवार तक चलेगा। मंदिर के दरवाजे 22 जून को बंद कर दिए गए है और 26 जून की सुबह को खोल दिए जाएंगे। 26 जून को देवी की पूजा स्नान के बाद ही कपाट खुलेंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि तीन दिन देवी सती के मासिक धर्म के चलते माता के दरबार में सफेद कपड़ा रखा जाता है। तीन दिन बाद कपड़े का रंग लाल हो जाता है, तो इसे भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। बड़ी संख्या में भक्त देवी का आशीर्वाद लेने और विशेष 'रक्त बस्त्र' प्राप्त करने के लिए मंदिर में आते हैं। यह खूबसूरती है सनातन धर्म की क्यूंकि यहां हर चीज को स्प्रिचुअल माना जाता है। जिस शक्ति की यहां पूजा की जाती है वह हम सब के अंदर है। यह शक्ति हर एक महिला के अंदर है।

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