Noida Board Meeting : नोएडा अथॉरिटी दिल्ली-एनसीआर में नए नोएडा को बसाने की तैयारी कर रहा हैं। इससे जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। पहले नया नोएडा में दादरी के 20 गांव और बुलंदशहर के 60 गांव को शामिल किया गया था, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। इस बदलाव पर नोएडा अथॉरिटी की बीते दिनों हुई बैठक में मंजूरी मिल गई है। दादरी के 20 गांव और बुलंदशहर के 67 गांवों को मिलाकर नया नोएडा बनेगा। इसमें बड़ी बात यह है कि बुलंदशहर के 60 गांव में से 5 गांव को बाहर किया गया और फिर उसके बाद 12 गांव को इसमें जोड़ा गया है। सभी गांव की नई सूची जारी कर दी गई है। इस बात पर नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में मुहर भी लग गई है।
इन गांवों को जोड़ा और निकाला जाएगा
नोएडा ऑथॉरिट की बोर्ड बैठक में फैसला किया गया कि बुलंदशहर के नगला शेख, बरहाना, निजामपुर बांगर, निजामपुर खादर और देइंया गांवों को नए नोएडा की लिस्ट से बाहर निकाला गया। इन सभी गांवों को प्रोजेक्ट से बाहर निकाल कर बुलंदशहर के ही कौंद, बरोडाह, जाहिदपुर, नवादा, बबिया, शहवाजपपुर, पचौटा, संथली, सलेमपुर, नंगला शेख-1, समेमपुर कायस्थ, शेरपुर और अंधेल गांव को शामिल किया गया है। यानी कि अब दादरी के 20 गांव और बुलंदशहर के 67 गांवों को मिलाकर नया नोएडा बनेगा। इसका प्रस्ताव दिल्ली की कंपनी स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एण्ड आर्किटेक्चर के मास्टर प्लान पर पेश किया गया। क्योंकि यह कंपनी की नए नोएडा का मास्टर प्लान तैयार कर रही हैं।
राज्यपाल ने मंजूर किया प्रस्ताव
नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के समीप वाले 87 गांवों को विकसित करने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण को दे दी गई है। यह प्रस्ताव डीएमआईसीडीसी की ओर से नोएडा अथॉरिटी को दिया गया था। प्राधिकरण ने यह प्रस्ताव स्वीकार करके शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया था। शासन ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी और राज्यपाल के पास भेजा था। राज्यपाल ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। गौतमबुद्ध नगर की दादरी और बुलंदशहर जिले की सिकंदराबाद तहसील के 87 गांवों में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर का निवेश जोन विकसित किया जाएगा। अब इन 87 गांव का तेजी से विकास होगा।
एक दशक पहले यह गांव ग्रेटर नोएडा में शामिल किए गए
करीब एक दशक पहले बुलंदशहर के इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित कर दिया गया था। बाद में बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण को तोड़कर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण बना दिए गए। जिसके चलते इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हटाकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में और खुर्जा विकास प्राधिकरण में शामिल कर दिया गया था। अब अगर ये सारे गांव नोएडा को दिए जाते हैं तो बीडीए और केडीए से निकालकर नोएडा अथॉरिटी में शामिल किया जाएगा। जानकारों का मानना है कि बीडीए और केडीए के पास पैसे की बड़ी कमी है। ऐसे में अगर यह 87 गांव नोएडा अथॉरिटी को मिलते हैं तो यहां बहुत तेजी के साथ विकास योजनाएं आएंगी।
सड़कों का जाल खुद बिछाएगा नोएडा प्राधिकरण
सड़कों से जुड़े सभी काम नोएडा प्राधिकरण खुद करेगा। नोएडा अथॉरिटी ने क्षेत्र के विकास के लिए शासन को एक प्लान प्रस्तुत किया। इसमें इलाके में विकास प्रक्रिया जल्दी पूरी करने के लिए निजी संस्थानों और कॉट्रैक्टर्स को भी शामिल करने का सुझाव दिया गया था। जानकार मान रहे हैं कि दिल्ली-एनसीआर में नए नोएडा प्रोजेक्ट के बाद इंडस्ट्री और रियल स्टेट के क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी। कोरोना महामारी की वजह से ठप रियल स्टेट को संजीवनी मिलेगी। साथ ही लाखों लोगों के अपने आशियाने का सपना भी साकार होगा। फिल्म सिटी भी इस इलाके में बनाई जाएगी। इसके बाद यहां लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट हब और डेटा सेंटर की कई इकाइयां स्थापित होंगी।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ होगा न्यू नोएडा
नोएड अथॉरिटी ने नक्शे में न्यू नोएडा का खाका खींचा गया है। इसके मुताबिक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) के दोनों तरफ न्यू नोएडा क्षेत्र का दायरा होगा। प्राधिकरण ने दूसरे तरफ के कुछ गांवों का रकबा भी चिन्हित किया है। इनमें कोट, नयाबासरी, फूलपुर, खंडारा, गिरिराजपुर, आनंदपुर और कुछ अन्य गांव शामिल हैं। मास्टर प्लान तैयार कराने से पहले क्षेत्र में मौजूद 87 गांव की मौजूदा आबादी का भी हिसाब लगाया जाएगा। दरअसल, गांव और गांव की जमीन के हिसाब से ही मास्टर प्लान बनेगा।