नोएडा के प्रोजेक्ट पर एनजीटी ने मांगा जवाब : जेपी इंफ्राटेक में नियमों को दरकिनार कर अपनी मर्जी से किया निर्माण, केंद्र, यूपी सरकार व वन विभाग से मांगा जवाब 

नोएडा | 2 महीना पहले | Lokesh Chauhan

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Noida News : नियमों की अनदेखी कर अपनी मर्जी से ग्रुप हाउिंग परियोजनाओं में निर्माण करने के कई मामले नोएडा में सामने आ चुके हैं। ऐसे ही एक मामले में नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को भी गिराया जा चुका है। इसके बाद भी ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में नियमों का उल्लंघन का निर्माण कार्य जारी है। ऐसे ही एक मामले में अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संज्ञान लेकर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग तथा अन्य से जवाब मांगा है। 

निवासियों ने दायर की एनजीटी में याचिका 
मामला नोएडा के जेपी विशटाउन का है। बिल्डर पर पर्यावरण उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग तथा अन्य से जवाब मांगा है। एनजीटी नोएडा में ‘जेपी विशटाउन’ के निवासियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिल्डर जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने मानदंडों का उल्लंघन करके टाउनशिप में बड़े बदलाव कर रहा है।

23 नवंबर को होगी अगली सुनवाई 
हाल ही में दिए गए आदेश में एनजीटी अध्यक्ष न्यायामूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली पीठ ने इस आरोप पर संज्ञान लिया। पीठ ने कहा कि यह टाउनशिप यमुना नदी के किनारे ओखला पक्षी अभयारण्य के पास स्थित है। पीठ ने बिल्डर द्वारा अवैध रूप से पेड़ों की कटाई तथा हरित क्षेत्र में व्यावसायिक निर्माण करने के आरोपों पर गौर किया। एनजीटी ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 23 नवंबर के लिए तय की।

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