नोएडा का एंटी स्मॉग टावर फेल : मरम्मत के लिए हैदराबाद गया वापसी का पता नहीं, कई बार बंद और हुआ खराब 

नोएडा | 1 दिन पहले | Nitin Parashar

Goggle Photo | एंटी स्मॉग टावर



Noida News : दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हवा लगातार 'जहरीली' होती जा रही है। नोएडा प्राधिकरण की ओर से वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए तमाम वादे किए जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर सेक्टर-16ए फिल्म सिटी में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर शुरू किया गया लेकिन एंटी स्मॉग टावर पूरी तरह से विफल है। वर्तमान में मरम्मत के लिए टावर को हैदराबाद भेजा गया है। इसको करीब 3 साल पहले लगाया गया था।

आधिकारिक आंकड़ा गायब 
नवंबर 2021 में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) और नोएडा अथॉरिटी के संयुक्त प्रयास से स्थापित इस टावर को करीब डेढ़ महीने पहले हैदराबाद स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर भेजा गया है। वहां टावर के पिछले एक साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है और जरूरी सुधारों के बाद इसे वापस स्थापित करने की योजना है। हालांकि, टावर की वापसी का कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं किया गया है। इसके अलावा टावर के प्रभाव का कोई आधिकारिक आंकड़ा अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

17 नवंबर 2021 को चालू हुआ था टावर 
उत्तर प्रदेश में पहली बार किस तरह का टावर नोएडा में लगाया गया था। एयर पलूशन कंट्रोल टावर का लोकार्पण 17 नवंबर 2021 को तत्कालीन केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने किया था। उसे समय दावा किया गया था कि ऐसे कुछ और टावर शहर में ऐसे स्थान पर लगाए जाएंगे, जहां प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है। हालांकि, ऐसा कोई दूसरा टावर शहर में अब तक नहीं लग सका है।

1 किलोमीटर के दायरे की हवा को करता था प्रदूषण मुक्त 
लोकार्पण के समय दावा किया गया था कि यह टावर 80 हजार घन मीटर प्रति घंटा हवा साफ करने की क्षमता का है। ऊंचाई 20 मीटर और गोलाई 7 मीटर है। पीएम 2.5 तक धूल के कणों को हवा से छान कर साफ हवा बाहर निकालेगा। यह टावर एक किलोमीटर की परिधि में हवा की गुणवत्ता को बेहतर करेगा। ऐसे में सेक्टर-16, 16ए, 16बी, 17ए, 18, डीएनडी और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर हवा की गुणवत्ता को बेहतर किया जाना था।

अथॉरिटी के पास नहीं कोई डाटा 
टावर चालू होने के बाद कई बार बंद हुआ और कई बार खराब हुआ है। कई बार बिजली न होने पर यहां जनरेटर की व्यवस्था न होने के कारण भी टावर में काम करना बंद कर दिया था। इसके अलावा कई बार टावर एक-एक सप्ताह के लिए भी बंद पड़ा रहा है। टावर के लगने के बाद कितने दायरे में कितनी हवा साफ की गई और हवा की गुणवत्ता में कितना सुधार हुआ इसकी कोई जानकारी अब तक नोएडा अथॉरिटी के पास नहीं है।

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