NOIDA : सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट मामले (Supertech Emerald Court Case) में नोएडा प्राधिकरण पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद अथॉरिटी एक्शन मॉड में आ गई है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) अब अवैध निर्माण करने वाले बिडल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इसी सिलसिले में रविवार एक बार फिर प्राधिकरण ने सेक्टर-78 में स्थित एसोटेक विंडसर कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी में अवैध निर्माण तोड़ने का सिलसिला जारी रखा। पिछले दो-तीन दिनों से यह कार्रवाई चल रही है।
एसोटेक बिल्डर ने स्टिल्ट फ्लोर में चार फ्लैट का अवैध रूप से निर्माण किया
रविवार को नोएडा प्राधिकरण ने 7X इलाके के सेक्टर-78 में स्थित एसोटेक बिल्डर पर कार्रवाई की। यहां एसोटेक विंडसर कोर्ट सोसायटी में बिल्डर ने स्टिल्ट फ्लोर में चार अवैध फ्लैट बनाए हैं। इनमें से तीन को प्राधिकरण की टीम ने ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई पुलिस के सहयोग से वर्क सर्कल और नियोजन विभाग के कर्मियों की उपस्थिति में की गई है। अब यहाँ बचे मलबे की सफाई सोमवार को होगी। इससे पहले शनिवार को प्राधिकरण की टीम ने एक अवैध फ्लैट को तोड़ दिया था। तोड़े गए फ्लैट में ऑफिस चल रहा था।
सुपरटेक पर कोर्ट का हथौड़ा चला तो एसोटेक पर अथॉरिटी ने चला दिया
मिली जानकारी के मुताबिक सेक्टर-78 की एसोटेक विंडसर कोर्ट सोसाइटी में नोएडा प्राधिकरण की टीम अवैध निर्माण के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही है। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। सोसाइटी में बिल्डर ने पार्किंग की जगह (स्टिल्ट फ्लोर) में चार अवैध फ्लैट बना लिए थे। एक फ्लैट में ऑफिस खोला गया था। जिसे प्राधिकरण की टीम ने शनिवार को तोड़ दिया था। रविवार को तीन अन्य फ्लैट तोड़ दिए गए हैं। इस अवैध निर्माण के खिलाफ सोसायटी के निवासियों ने लम्बे अरसे पहले शिकायत की थी। जिस पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ था। अब जब सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा चला तो बाकी बिल्डरों पर अथॉरिटी ने हथौड़ा उठा लिया है।
बिल्डर को अथॉरिटी ने कई नोटिस भेजे लेकिन अवैध निर्माण नहीं तोड़ा
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करवा रहे नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि एसोटेक प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-78 में ग्रुप हाउसिंग प्लॉट दिया गया था। यहां कुल 5 टावर का नक्शा पास किया गया था। जिनमें भूतल पर स्टिल्ट फ्लोर हैं। टावर संख्या एच और एफ में स्वीकृत स्टिल्ट फ्लोर पर ऑफिस और अवैध फ्लैट बनाए गए थे। परिसर में रहने वाले निवासियों ने इसकी शिकायत की थी। प्राधिकरण ने जांच करवाई और निवासियों की शिकायत सही पाई गई थीं। स्वीकृत नक्शे के विपरीत किए गए इस निर्माण को तत्काल हटाने के लिए बिल्डर को कई बार नोटिस दिया गया था। इसके बावजूद बिल्डर ने अवैध निर्माण नहीं हटाया था। अब प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई की गई है। इस ध्वस्तीकरण पर किया गया खर्च बिल्डर से वसूल किया जाएगा।