Noida News : पिछले 4 वर्षों के दौरान नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) खूब तरक्की की है। पिछले 4 सालों के दौरान नोएडा प्राधिकरण ने शहर वासियों को 20,086 करोड़ पर की सौगात दी है। इसमें से ही 15,552 करोड़ रुपए के कार्य पूरे हो चुके हैं। नोएडा शहर (Noida City) में 3,163 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर है और 1,125 करोड़ों पर के कार्य प्रस्तावित हैं। नोएडा शहर को उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी ऐसे ही नहीं कहा जाता, इसके पीछे बहुत महत्वपूर्ण कारण है।
20,086 करोड़ रुपए बदली शहर की सूरत
पिछले 4 वर्षों के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने जितना विकास किया है, इतना विकास उत्तर प्रदेश के किसी भी दूसरे प्राधिकरण ने नहीं किया। अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2021 तक नोएडा प्राधिकरण ने बेहद शानदार कार्य किए हैं। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हो कि कोरोना काल के समय में भी करोड़ों रुपए का निवेश नोएडा प्राधिकरण में आया है। आज देश-विदेश के इंटरनेशनल कंपनियां नोएडा में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं। काफी इंटरनेशनल कंपनियों ने नोएडा को अपनी पहली पसंद बताया है।
पूर्ण परियोजना - लागत 15,552 करोड़ रुपए
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने बताया कि अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2021 तक नोएडा अथॉरिटी ने शहर में 19,579 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य किए हैं। जिसमें से 15,061 करोड़ रुपए के कार्य पूरे हो चुके हैं। ऋतु महेश्वरी ने बताया कि 4 सालों के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने मेट्रो परियोजनाओं पर 8,467 करोड़ रुपए खर्च किए। काफी महत्वपूर्ण परियोजनाएं 3,062 करोड़ रुपए और सामान्य विकास कार्य 3,532 करोड़ रुपए में पूरी हुई है। इस तरह कुल मिलाकर 15,552 करोड़ रुपए का विकास कार्य अभी तक नोएडा में पूरा हो चुका है।
मेट्रो पर 8,467 करोड़ खर्च
उच्चस्तरीय इन्टरसिटी परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए 8,467 करोड़ की 3 मेट्रो परियोजनाओं का निर्माण कराया गया, जिनमें 5,503 करोड़ की नोएडा-ग्रेटर नौएडा एक्वा लाइन मेट्रो, 997 करोड़ की बाॅटेनिकल गार्डन-कालिंदी कुंज मेट्रो, 1967 करोड़ की लागत से सेक्टर-32 से सेक्टर-62 ब्लूलाइन ऐक्सटेंशन मेट्रो परियोजना सम्मिलित है, जिससे न केवल नोएडा के क्षेत्रों का लाभ हुआ है, बल्कि ग्रेटर-नोएडा, दिल्ली और अन्य शहरों के निवासी भी लाभान्वित हुए हैं।
मेट्रो परियोजनाओं के साथ-साथ अप्रैल 2017 में सरकार के गठन के बाद अब तक 3,062 करोड़ की काफी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका हैं। जैसे-
बेहतर पार्किंग सुविधा के लिए 1,074 करोड़ की लागत से 12,653 कारों और दुपहिया वाहनों की क्षमता की कुल 6 मल्टीलेवल और अण्डरग्राण्ड पार्किंग का निर्माण
जनमानस को भीषण जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 480 करोड़ की लागत से एमपी-2 मार्ग पर एलिवेटेड रोड का निर्माण किया गया है। जिससे दिल्ली से गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और हापुड़ आदि क्षेत्र में आवागमन सुगम हुआ है।
विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए 474 करोड़ की लागत से दो विद्युत सब स्टेशन और विद्युत लाईन का निर्माण
क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने और कोविड-19 के नियंत्रण के लिए 344 करोड़ की लागत से 240 बेड जिला चिकित्सालय कोविड हाॅस्पिटल का निर्माण
विभिन्न क्राॅसिंग्स को जाम-मुक्त करने हेतु के लिए 161 करोड़ की लागत से 3 स्थानों पर अण्डरपास का निर्माण
140 करोड़ की लागत से यमुना नदी पर 6 लेन और शहदरा ड्रेन पर 4 लेन पुल का निर्माण, जिससे नोएडा और दिल्ली के मध्य लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिली है।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए 115 करोड़ की लागत सेइन्डोर स्टेडियम और शूटिंग रेंज का निर्माण
लोकार्पित परियोजना - लागत 233 करोड़ रुपए
नोएडा में काफी ऐसी परियोजनाएं हैं, जो लोकार्पित की गई है। इसमें 59 करोड़ रुपए की लागत से दो अंडरपास, ग्राम सर्फाबाद में 54 करोड़ रुपए की लागत से मिनी स्टेडियम, 22 करोड़ की लागत से मास्टर ग्रीन पार्क, नोएडा एक्सप्रेसवे पर 22 करोड़ रुपए की लागत से फुटओवर ब्रिज, 7 करोड़ रुपए की लागत से दो स्थानों पर नोएडा के प्रवेश द्वार का निर्माण और 14 करोड़ रुपए की लागत से अलग-अलग स्थानों पर 8 विकास कार्य हैं।
प्रगतिरत परियोजना - लागत 3,163 करोड़ रुपए
सीईओ ऋतु महेश्वरी ने बताया कि नोएडा अथॉरिटी ने प्रगतिरत महत्वपूर्ण परियोजनाओं में 3,393 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो परियोजना काफी तेजी के साथ आगे की तरफ बढ़ रही है। बहुत ही जल्द नोएडा वासियों को इन सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ मिलेगा।
प्रगतिरत की मुख्य परियोजना-
158 करोड़ की लागत से सेक्टर-82 में सिटी बस टर्मिनल का निर्माण
1154 करोड़ की लागत से दो एलिवेटेड रोड और एक फ्लाईओवर का निर्माण
737 करोड़ की लागत से हैबिटेट सेन्टर और गोल्फ कोर्स का निर्माण
259 करोड़ की लागत से सेक्टर-168 में 100 एमएलडी और सेक्टर-123 में 80 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का निर्माण
पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए 228 करोड़ की लागत से 37.50 क्यूसेक गंगाजल परियोजना
188 करोड़ की लागत से नोएडा-ग्रेटर नौएडा एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-96 और 126 के मध्य, एडवान्ट माॅल के समीप और ग्राम कोण्डली के समीप तीन अण्डरपासों का निर्माण
65 करोड़ की लागत से आईटीएमएस परियोजना प्रगतिरत
61 करोड़ की लागत से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के मध्य आवागमन सुगम बनाने हेतु हाॅट-इन-प्लान्ट पद्धति से एक्सप्रेसवे की रिसर्फेसिंग का कार्य
7 करोड़ की लागत से गौवंष आश्रय स्थल
3 करोड़ की लागत से कालिन्दी कुंज प्रवेष द्वार का निर्माण
उपरोक्त सहित कुल 3005 करोड़ की परियोजनाओं को शीघ्र ही पूर्ण कर जनमानस को समर्पित की जायेंगी।
43 करोड़ के ट्रैफिकमैनेजमेन्ट, सड़क और ड्रेन निर्माण
प्रस्तावित परियोजना - लागत 1,125 करोड़ रुपए
इसके अलावा एक्वा लाइन एक्सटेंशन मेट्रो परियोजना और नोएडा हेलीपोर्ट परियोजना शामिल है। एक्वा लाइन एक्सटेंशन मेट्रो परियोजना में 592.99 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2 तक मेट्रो जानी है। इस हिस्से में 5 एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। स्टेशनों में सेक्टर-122, 123, सेक्टर-4, सेक्टर-12 इकोटेक और सेक्टर-2 शामिल हैं। वहीं, नोएडा हेलीपोर्ट परियोजना में 43.13 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जो 9.35 एकड़ में बनेगा। प्रस्तावित परियोजना कुल 1,125 करोड़ रुपए खर्च होंगे।