नोएडा की झोली में बड़ी उपलब्धि, भारत सरकार ने 'टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस' घोषित किया, जानिए क्या फायदे होंगे

नोएडा | 3 साल पहले | Harish Rai

Tricity Today | नोएडा को मिली यह खास उपलब्धि



उत्तर प्रदेश की 'आर्थिक राजधानी', 'यूपी की शो विंडो', 'यूनिवर्सिटी सिटी' और 'आईटी सिटी' जैसे खिताबों के बाद अब नोएडा शहर के हिस्से में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने नोएडा को 'टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस' घोषित कर दिया है। यह शहर के कारोबारियों की बदौलत संभव हो सका है। पिछले वर्षों के दौरान विदेशों से नोएडा को मिले निर्यात के आर्डर की स्थिति का आंकलन करने के बाद भारत सरकार ने यह घोषणा की है। इससे शहर के कारोबारी माहौल को सकारात्मक बदलाव मिलेगा। विदेशी आयातकों का भरोसा नोएडा के कारोबारियों पर और बेहतर होगा। शहर को और ज्यादा पैसा और काम मिलेगा।

नोएडा को यह उपलब्धि अपैरल प्रोडक्ट की श्रेणी में हासिल हुई है। इससे शहर में स्थापित 2000 रेडीमेड गारमेंट इकाइयों और इनसे जुड़े लाखों श्रमिकों को लाभ मिलेगा। हालांकि एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना निर्यात करने वाले शहरों को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंसी का दर्जा दिया जाता है, मगर नोएडा को अब तक यह उपलब्धि हासिल नहीं हुई थी। नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (एनएईसी) ने इस दिशा में लगातार प्रयास किया। इसके बाद सरकार के गजट में नोएडा का नाम प्रकाशित करने के लिए अधिसूचित कर लिया गया है। 

पहले मिला था यह खिताब
यह शहर के लिए गत कुछ वक्त में दूसरी बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले राज्य सरकार की एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत नोएडा को ‘सिटी ऑफ अपैरल’ का खिताब मिला था। इस नई उपलब्धि के बाद सरकार भी शहर के उद्योगों और उद्यमियों को खास सुविधाएं देने से पीछे नहीं हटेगी। राज्य सरकार उद्योगों की बेहतरी के लिए गंभीर कदम उठाएगी। साथ ही जिले के उद्यमियों की हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान किया जाएगा। 

'टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सिलेंस' के फायदे
'टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सिलेंस' का दर्जा मिलने वाले शहरों को खास सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे शहरों में उद्योगों की बेहतरी के लिए सरकार विशेष पैकेज देती है। सरकारी प्रयासों से संबंधित इंडस्ट्री को खास तरजीह मिलती है। उद्यमियों की हर छोटी-बड़ी समस्या को प्राथमिकता से हल किया जाता है। निर्यात बढ़ाने के लिए स्वयं सरकार प्रयास करती है। क्षेत्र को ढांचागत सुविधाओं से लैस किया जाता है।

अपैरल इंडस्ट्री से जुड़े जिले के उद्योगपतियों ने शहर को यह उपलब्धि दिलाने में अथक मेहनत की है। सरकार की शर्तों पर खरा उतरने के बाद यह मुकाम हासिल हुआ है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने भी इस मिशन में पूरा सहयोग दिया। उनकी अध्यक्षता में इसके लिए उच्चस्तरीय समिति गठित हुई थी। उस समिति ने अपनी भूमिका का सही निर्वहन किया। टीम के तौर पर काम कर यह खिताब मिला है। हम बेहद उत्साहित हैं।
- ललित ठकराल, एनएईसी चेयरमैन

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