गर्व की बात : नोएडा के विदित शर्मा रोजाना 700 लोगों को कुल 5 रुपये में खिलाते हैं भरपेट खाना, जानिए इतना सस्ता क्यों

नोएडा | 3 महीना पहले | Mayank Tawer

Google Photo | कुल 5 रुपये में मिल रहा खाना



Noida News : नोएडा में 33 वर्षीय विदित शर्मा ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। जिसे 'जन रसोई' के नाम से जाना जाता है। यह पहल दिहाड़ी मजदूरों और उनके परिवारों को सिर्फ 5 रुपये में घर का बना पौष्टिक के साथ किफायती भोजन उपलब्ध कराने का उद्देश्य रखती है। विदित की इस पहल से प्रतिदिन लगभग 700 प्लेट भोजन परोसा जाता है, जिससे जरूरतमंदों की गरिमा को बनाए रखने में मदद मिलती है।

विदित शर्मा ने क्यों शुरू की यह मुहिम
विदित शर्मा का यह अभियान उनकी व्यक्तिगत संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना से प्रेरित है। हर सुबह जब वह काम पर जाते थे तो वह नोएडा के सरकारी अस्पताल के बाहर दिहाड़ी मजदूरों को इंतज़ार करते हुए देखते थे। ये मजदूर अपने परिजनों की चिकित्सा देखभाल के लिए अस्पताल में आते थे, लेकिन इसके चलते वे अक्सर अपनी बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज कर देते थे, जिसमें भोजन भी शामिल था। इनकी परेशानियों को देखकर विदित ने उनकी मदद करने का फैसला किया।

इसलिए 5 रुपये में दे रहे गरम भोजन
विदित ने जन रसोई की शुरुआत की। यह रसोई ज़रूरतमंद लोगों को सिर्फ 5 रुपये में गरम, पौष्टिक और घर का बना खाना उपलब्ध कराती है। मेनू में राजमा चावल, छोले चावल और दाल चावल जैसे लोकप्रिय भारतीय व्यंजन शामिल हैं। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने मुफ्त में भोजन न देने का निर्णय क्यों लिया तो विदित ने  बताया, "लोगों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उन्हें यह मुफ्त में मिल रहा है। उन्हें कुछ पैसे देकर खुशी महसूस होती है।" इस मामूली शुल्क से भोजन प्राप्त करने वालों की गरिमा बनी रहती है। वे खुद को मूल्यवान और आत्मनिर्भर महसूस करते हैं।

रोजाना 700 लोगों को मिलता है खाना
जन रसोई वर्तमान में हर दिन लगभग 700 प्लेट भोजन परोसती है। विदित की दस लोगों की एक समर्पित टीम के साथ इस संख्या को बढ़ाकर 3,000 प्लेट प्रतिदिन करने और नोएडा के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की योजना है। उनका लक्ष्य उन मजदूरों को स्वच्छ, घर का बना खाना उपलब्ध कराना है जो अथक परिश्रम करते हैं लेकिन अक्सर आवश्यक पोषण से वंचित रह जाते हैं।

रोजाना 3,000 से ज्यादा जानवरों को खिलाते हैं खाना
विदित ने अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा, "उनकी आंखों में कृतज्ञता देखकर हमारा दिल बहुत खुशी से भर जाता है। साथ मिलकर हम कई लोगों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं। ये भोजन प्यार और बहुत ज़रूरी पोषण से भरे होते हैं, जो उन लोगों को उम्मीद और पोषण प्रदान करते हैं जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।" विदित की करुणा केवल इंसानों तक सीमित नहीं है। अपने 'सेव ए स्ट्रे फाउंडेशन' के जरिए वह रोजाना 3,000 से ज्यादा जानवरों को खाना खिलाते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। एक ऑटोमोबाइल कंपनी में अपनी नौकरी के साथ इसे संतुलित करते हुए विदित का समर्पण लोगों और जानवरों दोनों की सेवा करने के लिए वास्तव में प्रेरणादायक है।

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