Noida News : आसमान को छूती हुई ट्विन टावर (Twin Towers) बिल्डिंग जमीन पर गिर गई है, लेकिन अभी तक उन अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई है। जिनकी वजह से यह भ्रष्टाचार की इमारत बनी थी। अब उन 26 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार की इमारत तो जमीन में मिल गई, लेकिन भ्रष्टाचार की इमारत बनवाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों पर कब गाज गिरेगी।
योगी सरकार ने पहले ही करवा ली जांच
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय से 26 दोषी अफसरों की सूची जारी हुई है। यह सभी वह अधिकारी हैं, जिनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार की इमारत ट्विन टावर को बनाया गया था। इनके संरक्षण में ही इमारत को बनाया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। साथ ही प्रदेश सरकार को एसआईटी का गठन कर मामले की जांच कराने का आदेश दिया था। शासन ने सितंबर 2021 में जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर 4 अक्तूबर 2021 को इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस प्रकरण में जिन 26 अधिकारियों पर आरोप है कि उनमें से 20 सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमे से 2 की मौत हो चुकी है और 4 सेवा में थे, उन्हें निलंबित किया जा चुका है।
"भ्रष्टाचार पर एक्शन जारी रहेगा"
अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि भ्रष्टाचार पर एक्शन जारी रहेगा। पहली बार इतना बड़ा निर्माण कराया गया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। नोएडा में भ्रष्टाचार की इमारत जमींदोज कर दी गई। इस मामले में शामिल सभी अधिकारियों की लिस्ट तैयार की गई है। जिन पर अब योगी सरकार द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे अफसर
मोहिंदर सिंह, सीईओ नोएडा प्राधिकरण (रिटायर्ड)
एसके द्विवेदी, सीईओ नोएडा प्राधिकरण (रिटायर्ड)
आरपी अरोड़ा एसीईओ नोएडा प्राधिकरण (रिटायर्ड)
यशपाल सिंह, विशेष कार्याधिकारी (रिटायर्ड)
मैराजुद्दीन, प्लानिंग असिस्टेंट (रिटायर्ड)
ऋतुराज व्यास, सहयुक्त नगर नियोजक (वर्तमान में यमुना प्राधिकरण में प्रभारी महाप्रबंधक)