Greater Noida West : नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लोगों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। हर शनिवार रविवार को सोसाइटी में रहने वाले लोग अपनी मूलभूत सुविधा को लेकर प्रदर्शन करते हैं। इसी क्रम में वेस्ट स्थित श्री राधा स्काई गार्डन सोसाइटी के निवासियों ने लगातार सातवें सप्ताह भी बिल्डर के खिलाफ विरोध प्रदेशन किया। इस दौरान निवासियों ने बिल्डर की नाजायज वसूली, मूलभूत सुविधाओं को पूरा न करने और करोड़ों के घोटाले पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर : निवासी
निवासियों ने बताया कि सोसाइटी में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है और जानलेवा समस्याएं हैं। उन्हें पिछले सात हफ्तों से धूप की चिलचिलाती गर्मी में बिल्डर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है, लेकिन बिल्डर ने न तो अवैध वसूली बंद की और न ही मूलभूत सुविधाओं में कोई सुधार किया। निवासियों का कहना है कि जब तक परियोजना के असली मालिक का पता नहीं चलता, मालिक अपनी जिम्मेदारियों को निभाना शुरू नहीं करता और जब तक मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं होती, हफ्ते दर हफ्ते प्रदर्शन जारी रहेगा।
फायर फाइटिंग उपकरण चालू नहीं : निवासी
निवासियों ने बताया कि ग्रुप बिल्डर ने पिछले कई सालों में न तो मूलभूत सुविधाओं और जानमाल से संबंधित पेंडिंग प्रोजेक्ट के काम को पूरा करने का प्रयास किया और न ही कोई इरादा दिखाया। लगभग 8-10 सालों से सोसाइटी चल रही है, लेकिन अभी भी फायर फाइटिंग उपकरण चालू नहीं हैं। पूरे बेसमेंट में सीपेज और लीकेज है, जिससे सोसायटी के टावर कमजोर होते जा रहे हैं। स्विमिंग पूल में गंदा पानी भरा गया है और लोगों को बीमार करने का पूरा इंतजाम किया गया है। क्लब हाउस अधूरा है, सिक्युरिटी और हाउसकीपिंग स्टाफ आधा कर दिया गया है जो अपना कर्तव्य पूरी तरह से नहीं निभा पा रहा है।
बिजली और पावर बैकअप नहीं : निवासी
निवासियों का आरोप है कि बिल्डर ने उनसे बिजली कनेक्शन और नया डीजल जनरेटर पावर बैकअप खरीदने के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। उन्हें आधे से भी कम क्षमता का पावर कनेक्शन और किराए का डीजल जनरेटर लगा दिया गया है, जो निवासियों को बिजली और पावर बैकअप देने के लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं है। इसके कारण एनपीसीएल की बिजली बार-बार ट्रिप होती रहती है और जब बिजली जाती है तो जनरेटर भी नहीं चल पाता, जिससे पूरी सोसाइटी अंधेरे में डूब जाती है। ऐसे में न तो घरों में बिजली जलती है, न ही लिफ्ट चलती है और लगभग 1300 परिवार, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे हाउस अरेस्ट की स्थिति में फंस जाते हैं। किसी मेडिकल इमरजेंसी में वे पूरी तरह असहाय हो जाते हैं।