नोएडा में इससे बुरा क्या होगा : सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर के पास टपकने लगा बारिश का पानी, घटिया निर्माण की पोल खुली

नोएडा | 3 दिन पहले | Mayank Tawer

Google Image | बाल चिकित्सालय



Noida News : गुरुवार सुबह तेज बारिश के कारण बाल चिकित्सालय की दूसरी मंजिल स्थित ऑपरेशन थियेटर के पास पानी टपकने लगा। इस समस्या के कारण ऑपरेशन थियेटर समेत दूसरी मंजिल की अन्य जगहों पर भी पानी भर गया, जिसे बार-बार कपड़े से पोंछकर सुखाया गया। करीब तीन घंटे बाद पानी का टपकना बंद हुआ। बेसमेंट में भी जलभराव हो गया, जिससे वहां की स्थिति और भी गंभीर हो गई। 

मरीजों के लिए खतरनाक साबित
शहर में सुबह करीब सवा आठ बजे तेज बारिश शुरू हुई। इसके बाद ऑपरेशन थियेटर और दूसरी मंजिल की अन्य जगहों पर पानी टपकने लगा। अस्पताल के कर्मचारियों ने बार-बार पानी पोंछकर सूखाने की कोशिश की, लेकिन दोपहर करीब दो बजे के बाद ही स्थिति सुधर पाई। ऑपरेशन थियेटर के पास पानी टपकने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया था, जो मरीजों के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। यह समस्या पिछले वर्ष भी देखने को मिली थी, लेकिन इसे स्थायी रूप से हल नहीं किया जा सका।

जलनिकासी की समस्या
बाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आकाश राज ने बताया कि दूसरी मंजिल के ऊपर सर्विस फ्लोर है, जहां से कई पाइपलाइन गुजरती हैं, जो इस समस्या का कारण बनती हैं। उन्होंने बताया कि पाइपलाइनों के कारण होने वाली दिक्कत अब काफी कम हो गई है, लेकिन बारिश के दौरान यह समस्या फिर से उभर आती है।

बेसमेंट में जलभराव
बारिश के दौरान अस्पताल के बेसमेंट में पिछले छह-सात सालों से पानी भरता आ रहा है। आम दिनों में भी अस्पताल का पूरा पानी बेसमेंट में आता है। ओवरफ्लो और पाइपलाइन टूटने के कारण पानी बेसमेंट में फैल जाता है, जिससे अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों को काफी परेशानी होती है। 

बिजली आपूर्ति बाधित
बारिश के बाद जिला अस्पताल में भी 20 मिनट के लिए बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। वोल्टेज कम ज्यादा होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई, जिसे तुरंत ठीक कर लिया गया। अस्पताल में गुरुवार को 250 से ज्यादा मरीज भर्ती थे और ढाई हजार से ज्यादा मरीजों ने ओपीडी में इलाज करवाया।

खुली बेकार व्यवस्था की पोल
बाल चिकित्सालय में बारिश के दौरान पानी टपकने और बेसमेंट में जलभराव की समस्या ने एक बार फिर अस्पताल प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। संक्रमण के खतरे और मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना अत्यंत आवश्यक है। अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।

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