Noida Desk : नोएडा के जिला अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी सरकार के दावे की हवा निकालने में जुटे हैं। जिला अस्पताल से एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों की संवेदनहीनता उजागर हुई है। यहां एक महिला प्रसव के लिए आई। लेकिन, स्वास्थ्यकर्मियों ने उसकी हालत गंभीर होने का हवाला देकर प्रसव कराने से इंकार कर दिया। मजबूर पति महिला को एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उसका सामान्य प्रसव हुआ।
यह है पूरा मामला
टिगरी गांव के महेंद्र यादव ने अपनी पत्नी वंदना देवी को 28 दिसंबर को सेक्टर-39 के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। दोपहर के समय स्वास्थ्यकर्मियों ने उसे घर जाने के लिए बोल दिया और प्रसव पीड़ा होने पर उसे दोबारा लाने को बोला। महिला को रात करीब साढ़े 12 बजे प्रसव पीड़ा होने पर दोबारा जिला अस्पताल लाया गया। उसके बाद बिना जांच जांच किए ही महिला के प्रसव को जटिल बताया गया। फिर उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
महिला के पति ने लगाए गंभीर आरोप
महिला के पति महेंद्र यादव ने बताया कि रात में अस्पताल में कई नर्स थीं। लेकिन, उसके बाद भी बिना जांच किए ही बताया गया कि गर्भ में बच्चा उल्टा हो गया है। प्रत्येक मिनट धड़कन 100 है। यह गंभीर मामला है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें महिला को सफदरजंग अस्पताल ले जाने के लिए कहा। स्वास्थ्यकर्मियों ने यह भी कहा कि प्रसव ऑपरेशन से होगा, जो रात के समय जिला अस्पताल में नहीं हो सकता है। अस्पताल में पैथोलॉजी सहित अन्य जांच की सुविधा नहीं है। महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि अगर यहां प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा को कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार अस्पताल नहीं होगा। इसलिए उन्होंने पत्नी को दूसरे अस्पताल में ले जाने का निर्णय लिया। महेंद्र यादव का यह भी आरोप है कि मरीज को ले जाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिली। जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने बताया कि यह मामला संज्ञान में नहीं है। जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।