Tricity Today | रितु माहेश्वरी नोएडा के अधिकारियों के साथ
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) दिल्ली से नोएडा (Delhi to Noida) में आने वाले लोगों के स्वागत के लिए एक खास तैयारी की है। अब दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple) की तरफ से नोएडा में प्रवेश करते हुए लोगों को नोएडा की सड़कों के दोनों तरफ ताजमहल गंगा घाट और सारनाथ के स्तूप दिखाई देंगे। सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने इसका निरीक्षण किया है।
वेस्ट प्लास्टिक से बना ताजमहल गंगा घाट और सारनाथ के स्तूप
नोएडा प्राधिकरण की ओएसडी इंदु प्रकाश ने बताया कि नोएडा शहर को साफ-सुथरा करने के लिए रितु माहेश्वरी ने एक और बड़ी पहल की है। शहर से निकलने वाले वेस्ट प्लास्टिक और कबाड़ से बनारस के घाट, अयोध्या के घाट और ताजमहल की आकृति बनाई जा रही है।
महामाया फ्लाईओवर के पास होगा सेल्फी प्वाइंट
इंदु प्रकाश ने बताया कि यह आकृति दिल्ली से नोएडा की तरफ आने वाले लोगों को दिखाई देगी। सड़क के दोनों तरफ नोएडा बॉर्डर के पास यह आकृति लगाई जाएगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर महामाया फ्लाईओवर के पास भी इन आकृतियों का लगाया गया है। जिसके बाद सड़क के किनारे पर सेल्फी प्वाइंट को लोगों के बैठने के लिए पार्क भी बनाए जा रहे है।
सुंदर आकृति से होगा दिल्ली से आने वाले लोगों का स्वागत
नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) ने अधिकारियों के आदेश जारी किया है कि सारनाथ का स्तूप कुछ नीचे लगा है, उसे ऊपर उठाया जाए। सभी में ग्राउंड पर लाइट रंगीन लगाई जाए और उनके अंदर की पीली लाइट को और ज्यादा तेज किया जाए। साथ ही उनके द्वारा निर्देशित किया गया कि तीनों जगह पर पार्क की तरह डेवलप किया जाए। जहां पर सारनाथ का स्तूप है, वहां पर बगल में फव्वारा भी लगाया जाए। तीनों जगह पर जो बोर्ड लगाए गए हैं, उन्हें और बड़ा किया जाए। बैकड्राप में सफेद स्क्रीन लगाई जाए। जिससे दूर से लोगों को दिख सकें।
वेस्ट टू वंडर पार्क बनाया जायेगा
रितु माहेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा में वेस्ट टू वंडर पार्क बनाए जाने की भी तैयारी की जा रही है। इसको लेकर जगह चिन्हित की जा रही है। आने वाले कुछ समय में इस पार्क को लेकर स्थान का चयन कर दिया जाएगा और उसके बाद वेस्ट टू वंडर पार्क का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बायोडायवर्सिटी पार्क भगत सिंह, ओखला बर्ड सेंचुरी पार्क आदि के साथ इन्हें भी जोड़ कर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। जिससे आगे चलकर इस पूरी सर्किट में पर्यटन के लिए बस भी चलवाई जा सके।