Noida News : आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए नोएडा प्रशासन अब एक्शन में आ गया है। अक्टूबर में पहली बार आवारा कुत्तों की गिनती शुरू की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य शहर में आवारा कुत्तों की सही संख्या और उनकी नस्लों के बारे में जानकारी जुटाना है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि नसबंदी और टीकाकरण के लिए सही दिशा-निर्देश और प्रभावी नीतियां बनाई जा सके।
पूरे जिले में होगी जनगणना
कुत्तों की गिनती के लिए 80 लोगों की एक विशेष टीम बनाई गई है, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में काम करेगी। बहुमंजिला इमारतों से लेकर शहर, सेक्टर व ग्रामीण इलाकों में कुत्तों की सटीक संख्या और नस्लों की जानकारी एकत्र करना है। गिनती का डाटा दिसंबर अंत तक संकलित किया जाएगा और इसका उपयोग आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और उनके लिए बेहतर नीतियों को तैयार करने में किया जाएगा। आंकड़ों के अनुसार, 2019 में नोएडा में 3.79 लाख मवेशी दर्ज किए गए थे, जबकि 2007 में यह संख्या 3.44 लाख थी। पॉश इलाकों और हाईराइज सोसाइटी का दौरा
कुत्तों की गिनती के लिए पशुपालन विभाग की टीमें नोएडा के अलग-अलग हिस्सों, विशेष तौर पर बड़ी ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों का दौरा करेंगी। टीमें मोबाइल और वेब एप्लिकेशन का प्रयोग करते हुए कुत्तों की नस्ल आदि की जानकारी जुटाएंगी। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन कुमार अग्रवाल ने बताया कि कुत्तों की जनसंख्या पर अब तक कोई डाटा उपलब्ध नहीं था। इसके चलते प्रशासन के लिए उनकी संख्या को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती बना हुआ है।
पांच महीने में 61 हजार से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा
जनवरी 2024 से मई 2024 के बीच नोएडा के सरकारी अस्पतालों और रेबीज केंद्रों में कुत्तों के काटने के 61,232 मामले दर्ज किए गए हैं। विशेष रूप से भंगेल, सेक्टर-130, सेक्टर-45, जेजे कॉलोनी और खोड़ा जैसे क्षेत्रों इस मामले में हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गए हैं। यहां सबसे ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आए हैं।