Noida News : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने नोएडा में यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र पर किए गए निर्माण की जांच के आदेश दिए हैं। NGT ने 21 मई को एक संयुक्त समिति गठित की है, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (PWD), नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) और गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन (Gautam Buddha Nagar District Administration) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति 50 आवेदकों के निर्माणों की जांच करेगी और यह तय करेगी कि क्या वे स्थायी हैं या अस्थायी।
21 मई को हुई सुनवाई
एनजीटी ने 21 मई को सुनवाई के दौरान संयुक्त समिति बनाने का आदेश दिया। समिति को हर एक आवेदक के निर्माण की प्रकृति और सीमा का निरीक्षण करना है। साथ ही यह भी जांचना है कि क्या इन निर्माणों के लिए सक्षम प्राधिकरण से उचित अनुमति ली गई थी। समिति को अगले दो महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जिसके बाद सच्चाई सामने आएगी। अगर समिति द्वारा ये निर्माण अवैध पाए जाते हैं तो उन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया जा सकता है।
बाढ़ क्षेत्र पर किया निर्माण
इस मामले में आवेदकों का दावा है कि जुलाई 2023 में यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण उनके घरों में गंदा पानी भर गया था, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने राज्य सरकार पर अवैध निर्माण की अनुमति देने का आरोप लगाया। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने दलील दी कि ये आवेदक ग्रामीण नहीं बल्कि फार्महाउस के मालिक हैं, जिन्होंने अवैध रूप से बाढ़ क्षेत्र पर निर्माण किया है। राज्य सरकार ने आवेदकों की संपत्तियों का विवरण और निर्माणों की तस्वीरें भी कोर्ट में पेश की हैं।