गौतमबुद्ध नगर: लापरवाही बरतने के आरोप में विद्युत निगम के दो अफसर सस्पेंड, तीन का तबादला

नोएडा | 3 साल पहले | Mayank Tawer

Google Image | विद्युत निगम के दो अफसर सस्पेंड



गौतमबुद्ध नगर में हर साल गर्मियों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति बड़ा मसला रहती है। इस साल भी गर्मी चरम पर है। बारिश न के बराबर है। जनपद में बिजली की कटौती खूब हो रही है। कटौती को लेकर लोगों में नाराजगी है। निवासी लगातार शिकायतें कर रहे हैं। इसके बाद विद्युत विभाग हरकत में आया है। अधिशासी अभियंता और 5 अभियंताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। उनके स्थान पर नए अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है। उनसे कहा गया है कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। 

मेरठ-मुरादाबाद से बुलाए नए अफसर
ज्यादा शिकायतें दादरी और जेवर क्षेत्र से आ रही थीं। साथ ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी बिजली कटौती की समस्या से परेशान निवासी रोजाना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका पूरा दबाव विद्युत निगम था। निवासियों का कहना था कि निगम निर्बाध आपूर्ति कराने में असफल रहा है। शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मेरठ मुख्यालय ने जेवर क्षेत्र के अधिशासी अभियंता संजय कुमार और ग्रेटर नोएडा के अधिशासी अभियंता पीके सिंह का तबादला कर दिया है। उन्हें दूसरे जनपदों में भेजा गया है। उनके स्थान पर मुरादाबाद से अजीत कुमार सिंह और मेरठ से धीरेंद्र कुमार को नई तैनाती दी गई है। 


दादरी और जेवर ब्लॉक के अफसरों पर गिरी गाज
इन दोनों नए अफसरों को हफ्ते भर का समय दिया गया है। उनसे कहा गया है कि इस दौरान आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त कर इसकी रिपोर्ट सौंपें। जेवर क्षेत्र में भी बिजली ट्रिपिंग की समस्या बड़ी है। मुख्यालय ने जेवर क्षेत्र के जेई अजय त्रिवेदी और टीजी-2 नरेश कुमार को निलंबित कर दिया है। दादरी ब्लॉक के अफसरों व कर्मचारियों पर भी गाज गिरी है। दादरी के विश्नूली उपकेंद्र में तैनात जेई दुष्यंत सिंह को हटाते हुए मीटर विभाग में संबद्ध किया गया है। 

लापरवाही की शिकायतें मिल रही थीं
इस बारे में जानकारी देते हुए अधीक्षण अभियंता प्रथम सर्वेश खरे ने बताया कि लापरवाही बरतने की शिकायतें मिल रही थीं। इसीलिए मेरठ मुख्यालय और नोएडा कार्यालय से संबंधित अभियंताओं के तबादले किए गए हैं। दो कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया है। विद्युत निगम किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। इसलिए सभी अफसर और कर्मचारी ईमानदारी से काम करें। लोगों की समस्याओं को समझें और त्वरित निदान का प्रयास करें।

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