Noida News: दिल्ली-एनसीआर में अग्रणी रियल एस्टेट समूह वेव की सहयोगी कम्पनी मेगा सिटी सेंटर ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी दी है। इससे इस ग्रुप में निवेश कर चुके हजारों निवेशकों के रुपए और फ्लैट खरीदारों पर भारी संकट आ पड़ा है। वेव मेगा सिटी सेंटर (WMCC) प्राइवेट लिमिटेड ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दी है। कम्पनी ने अपने दिवालिया होने की वजह नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की उस कार्यवाही को बताया है, जिसके तहत अथॉरिटी ने इस ग्रुप के सेक्टर-32 और 25 में आवासीय और वाणिज्यिक परियोजना के भूखंड को अपने कब्जे में ले लिया था।
ग्रुप की तरफ से कहा गया है कि इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। वेव मेगा सिटी सेंटर ने इस प्रोजेक्ट में 3,800 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस निवेश में प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों का 2,213 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। इसके अलावा बैंक से कर्ज के रूप में 200 करोड़ रुपए की राशि ली गई है। खरीदारों ने करीब 1,400 करोड़ रुपए की शेष राशि का भुगतान किया है। ग्रुप ने आवेदन में आगे लिखा है, “यह कदम खरीदारों के हित की रक्षा करने के उद्देश्य से उठाया गया है, क्योंकि IBC समाधान प्रक्रिया के तहत, खरीदारों के हित वित्तीय लेनदार से पहले की प्राथमिकता में आती है। वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड का संबंध सिर्फ वेव मेगा सिटी सेंटर परियोजना के ही साथ है। वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड का समूह की किसी अन्य दूसरी सब्सिडरी कंपनियों में न कोई निवेश है और न ही उनसे कोई संबंध है।
वेव इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक राजीव गुप्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, ‘वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने प्राधिकरण के अधिकारियों के मनमाने और अनुचित निर्णय के कारण एनसीएलटी दिल्ली में अपने दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन दिया है।’ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए दी गई अर्जी में वेव ग्रुप ने सारे बिंदुओं के बारे में जिक्र किया है। आवेदन में लिखा है कि, “वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने एनसीएलटी में आवेदन दायर किया है, ताकि सैकड़ों खरीदारों के हितों की रक्षा हो सके। नोएडा प्राधिकरण के दुर्भाग्यपूर्ण फैसले से ये बुरी तरह फंस गए हैं। इसलिए स्वैच्छिक रूप से इस मामले के निपटारे की प्रक्रिया शुरू करने के लिए यह अर्जी दी गई है।”
इसमें कहा गया है कि, नोएडा के मध्य में स्थित सेक्टर-32 और सेक्टर - 25 में आवासीय-सह-वाणिज्यिक परियोजना को नोएडा प्राधिकरण द्वारा मनमाने तरीके से सील करने के इस अचानक निर्णय को वाणिज्यिक विवाद को गलत तरीके से निपटाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। वेव मेगा सिटी सेंटर ने इस परियोजना में 3,800 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जिसमें इसके प्रमोटर्स और उन के सहयोगियों का 2,213 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इसके अलावा बैंक ऋण के रूप में 200 करोड़ रुपये की राशि ली गई है। खरीदारों ने करीब 1,400 करोड़ रुपये की शेष राशि का भुगतान किया है। इसमें से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विभिन्न सरकारी एजेंसियों को किया गया है। इसमें नोएडा प्राधिकरण को करीब 1,600 करोड़ रूपये का भुगतान शामिल है।”
वेव इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक राजीव गुप्ता ने कहा कि, “वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने प्राधिकरण के अधिकारियों के मनमाने और अनुचित निर्णय के कारण NCLT, दिल्ली के समक्ष कॉर्पोरेट दिवालिया संकल्प प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर किया है। क्यूंकि प्राधिकरण के इस निर्णय से कंपनी को भारी नुकसान हुआ है। तथ्य यह है कि निवेशकों और उनके सहयोगियों ने 2200 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह इस परियोजना के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम हर हाल में खरीदारों के हित में इस निर्णय को लेने के लिए मजबूर थे।”