Heart Attack : हार्ट अटैक को बड़े उम्र के लोगों की बीमारी माना जाता था। जो समय और बढ़ती उम्र के साथ के साथ बुजुर्गों को हुआ करती थी। लेकिन, कुछ समय से हार्ट अटैक के मामले की कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रहे हैं। हार्ट अटैक की वजह से हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। पिछले कुछ सालों में युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ा है। कम उम्र के लोग घूमते-फिरते हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। कम उम्र के हार्ट अटैक के जोखिम ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। हार्ट अटैक की वजह से तमाम युवा अपनी जान गंवा रहे हैं। कम उम्र में हार्ट अटैक किस वजह से आता है, इस जानलेवा बीमारी से किस तरह बचाव किया जाना चाहिए, क्रानियोफेशियल सर्जन डॉक्टर अनुज कुमार ने बताया कि हमें ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।
क्या है हार्ट अटैक?
मेडिकल की भाषा में कहें तो हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इनफार्क्शन (Myocardial infarction) के रूप में जाना जाता है। 'मायो' शब्द का अर्थ है मांसपेशी जबकि ‘कार्डियल’ हृदय को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर, 'इनफार्क्शन' अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण टिश्यू के नष्ट होने को संदर्भित करता है। टिश्यू के नष्ट होने से हृदय की मांसपेशियों को लंबे समय तक नुकसान पहुंच सकता है। दिल का दौरा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आमतौर पर हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध होने के कारण अचानक खून की सप्लाई बंद कर देती है। इससे हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाएं मर जाती हैं।
ये हो सकते हैं हार्ट अटैक के कारण हाई ब्लड प्रेशर
हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हार्ट अटैक पैदा करने के खतरों में शामिल है। हाइपरटेंशन दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। ये ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे धमनियों का लचीलापन कम होने लगता है। और तो और ब्लड फ्लो बढ़ने से दिल तक ऑक्सीजन और खून तेजी से पहुंचता है। ऐसी स्थिति होने पर अचानक हार्ट अटैक का खतरा पैदा हो सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल
सभी के शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ बैड यानी खराब कोलेस्ट्रॉल भी होता है। खराब कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त पदार्थ होता है, जो धमनियों में स्टोर होने लगता है। इससे ब्लड फ्लो में बाधा पैदा हो जाती है, जिसके प्रभाव से शरीर के कई हिस्सों में खून की सप्लाई ठीक से नहीं हो पाती। ब्लड फ्लो में रुकावट आने से शरीर के कई अंगों में दर्द महसूस होने लगता है। हाई कोलेस्ट्रॉल ब्लड को दिल तक ठीक से पहुंचने नहीं देता, जिससे अचानक दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।
स्मोकिंग
ज्यादा स्मोकिंग करना भी दिल संबंधी बीमारियों के साथ-साथ अचानक हार्ट अटैक का खतरा पैदा कर सकता है। स्मोकिंग से धमनियों के अंदर खून के थक्के बन सकते हैं। इससे धमनियों के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है और अचानक दिल का दौरा पड़ सकता है।
मोटापा
मोटापा कई खतरनाक बीमारियों के जोखिम को पैदा करने का कारण बन सकता है। न सिर्फ हार्ट अटैक, बल्कि कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां भी इसकी वजह से शरीर में जन्म ले सकती हैं।
ये हैं हार्ट अटैक के लक्षण सीने में दर्द होना
यह एक pressure, heaviness या tightness जैसे भी महसूस हो सकता है। यह दर्द पेट के ऊपर की तरफ जाता है। कभी बायें हाथ या कंधे की तरफ जाता है। कई बार जबड़े में या दांत में भी दर्द हो सकता है। सांस लेने में तकलीफ और पसीना आना। कुछ लोगों को गैस होने की फीलिंग आती है।
हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
क्रानियोफेशियल सर्जन डॉक्टर अनुज कुमार ने बताया कि ऐसी गंभीर हालात में क्या करना चाहिए। सबसे पहले मदद के लिए एम्बुलेंस को कॉल करें या आपके पास अपना साधन है। जिससे आप अस्पताल पहुंच सकते हैं तो उसे तैयार करने को कहें। नज़दीक में जो भी व्यक्ति या दोस्त है, उसे भी तुरंत आने को कहें। जब तक गाड़ी तैयार होगी या एम्बुलेंस आएगी, तब तक प्राथमिक तौर पर Aspirin की गोली मरीज़ को दें और चबाने को कहें। Aspirin रक्त की धमनियों में Clotting को रोकती है। मरीज़ को तब तक उचित जगह बैठने या लेटने को कहें जहां उन्हें आराम हो। अगर घर में sorbitrate की 5mg की टेबलेट हो तो उसे जीभ के नीचे रखनी है। अगर मरीज़ होश में नहीं है तो कुछ भी पिलाने की कोशिश ना करें। मरीज़ अगर सांस नहीं ले रहा, पल्स नहीं मिल रहा वैसी परिस्थिति में तुरंत CPR शुरू करें। एम्बुलेंस आते ही या गाड़ी तैयार होते ही अस्पताल के लिए निकल जायें। अगर नज़दीकी अस्पताल का नंबर है तो उन्हें रास्ते से ही सूचित कर दें कि आप ऐसे किसी मरीज़ को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं ताकि वो भी तैयार रहें।