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LUCKNOW/GREATER NOIDA : शाहबेरी मामले पर एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तल्ख रुख अख्तियार किया है। गुरुवार को लखनऊ में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा, शाहबेरी में आम आदमी को ठगने वाले और कायदों को तोड़कर अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों से रिश्तेदारी नहीं निभाएं। उनके खिलाफ तत्काल कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री का सख्त रुख देखकर प्राधिकरण अधिकारियों के होश उड़ गए। जिसके बाद शुक्रवार को बिसरख कोतवाली में एकसाथ 20 एफआईआर दर्ज करवाई गई हैं।
इसके अलावा बिसरख थाने में तैनात रहे पुलिस अधिकारियों और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों की लिस्ट बना ली गई है। अगले एक या दो दिन में इन अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय है। गौरतलब है कि बिसरख में तमाम नियम कायदों को दरकिनार करते हुए बिल्डर और भूमाफिया ने मिलकर करीब 15000 अवैध फ्लैट का निर्माण किया है। मानकों को ध्यान में नहीं रखा गया है। छोटी-छोटी गलियों में ऊंची-ऊंची इमारतें बनाकर खड़ी कर दी गई है। आलम यह है कि इन गलियों में फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस तक आ जाना संभव नहीं है।
पिछले साल शाहबेरी में एक चार मंजिला इमारत गिरने की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल थे। यह हादसा होने के बाद प्रशासन और सरकार की आंखें खुली और शाहबेरी में हुए गोरखधंधे का खुलासा हुआ।
उस हादसे के बाद प्राधिकरण प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई तो की लेकिन केवल लीपापोती करने के लिए कदम उठाए गए थे। पिछले एक साल के दौरान जिन बिल्डरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, उन सब को आसानी से हाईकोर्ट से राहत मिल गई। पुलिस ने हाईकोर्ट में बिल्डरों के खिलाफ ढंग से पैरवी नहीं की। बहुत सारे आरोपी गिरफ्तारी से पहले ही जमानत पर छूट गए। जो लोग गिरफ्तार करके जेल भेजे गए, उनके खिलाफ चार्जशीट तो दाखिल की गई लेकिन उनमें तथ्य बहुत हल्के रखे गए हैं।
अब जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है तो भी प्राधिकरण और पुलिस बिल्डरों के प्रति मुरव्वत बरत रहे हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में सख्त रुख अख्तियार करते हुए अधिकारियों को आदेश दिया है कि तत्काल और सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।