महिला आयोग ने योगी आदित्यनाथ को भेजा प्रस्ताव : अब जिम में मर्द नहीं करवा सकते महिलाओं को एक्साइज, जानिए क्यों

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Uttar Pradesh/Greater Noida Desk : उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम प्रस्ताव योगी सरकार के सामने पेश किए हैं। इन प्रस्तावों में पुरुष दर्जियों पर महिलाओं के कपड़े का माप लेने पर रोक, जिम-योग केंद्रों में महिला ट्रेनर्स की अनिवार्यता और स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति जैसे सुझाव शामिल हैं। आयोग का मानना है कि इन प्रावधानों से महिलाओं को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलेगा।

बैठक में पेश किए गए मुख्य प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान के नेतृत्व में 28 अक्टूबर 2024 को हुई बैठक में इन प्रस्तावों को पेश किया गया। बैठक में सुझाव दिया गया कि पुरुष दर्जियों को महिलाओं के कपड़े का माप लेने से रोका जाना चाहिए। साथ ही सैलून और बुटीक में महिला कर्मचारियों की नियुक्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। महिला आयोग ने योगी सरकार से इन सिफारिशों के संबंध में कानून बनाने का भी अनुरोध किया है।

महिला ट्रेनर्स की अनिवार्यता
महिला आयोग ने जिम और योग केंद्रों में केवल महिला ट्रेनर्स की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा है। यदि कोई महिला पुरुष ट्रेनर से प्रशिक्षण लेना चाहती है तो इसके लिए लिखित अनुमति अनिवार्य होगी।

महिला सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने बताया कि इन प्रस्तावों का उद्देश्य महिलाओं को हर स्थान पर सुरक्षित महसूस कराना है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में पुरुषों की गलत मंशा की घटनाएं सामने आई हैं और इन उपायों से महिलाओं के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को रोका जा सकेगा। हाल ही में कानपुर में एक पुरुष जिम ट्रेनर द्वारा एक महिला की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को देखते हुए इन स्थानों पर महिला कर्मचारियों की उपस्थिति और सुरक्षा के अन्य उपाय आवश्यक हैं।

महिलाओं को मिलेगा सुरक्षित वातावरण
महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.बबीता सिंह चौहान ने बताया कि प्रस्तावों का उद्देश्य महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाना है। जिसमें उन्हें सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार का अधिकार भी दिया जा सके। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पुरुष कर्मचारियों को हटाने का उद्देश्य नहीं है। बल्कि महिला कर्मचारियों को साथ में नियुक्त करना है, जिससे महिलाओं के लिए एक संतुलित और सुरक्षित वातावरण बने।

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