Google Image | अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ एवं मायावती
Uttar Pradesh : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रविवार 26 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश कैबिनेट का विस्तार हो गया है। नए मंत्रिमंडल में 7 नए नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग समुदाय से इन सभी नए चेहरों को चुना है। इनके जरिए पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। हालांकि राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार पर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी दल सपा और बसपा ने कटाक्ष किया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए मंत्रिमंडल विस्तार को सिर्फ छलावा बताया है।
नाम की पट्टी सूखने तक आचार संहिता लागू हो जाएगी : अखिलेख यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल विस्तार पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, उप्र की भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी एक छलावा है। साढ़े चार साल जिनका हक़ मारा आज उनको प्रतिनिधित्व देने का नाटक रचा जा रहा है। जब तक नये मंत्रियों के नामों की पट्टी का रंग सूखेगा तब तक तो 2022 चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी। भाजपाई नाटक का समापन अंक शुरू हो गया है। पहले किसानों के मान को गिराना… फिर नाम भर को दाम को बढ़ाना… भाजपा का ये चुनावी हथकंडा अब उप्र में नहीं चलनेवाला। भाजपा जाते-जाते गन्ना किसानों के बकाये का ब्याज न सही, मूल ही चुका दे। 2022 में सपा सरकार किसानों का सच्चा मान भी बढ़ाएगी व गन्ने की मिठास और दाम भी। पूर्वांचल की ग़रीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जिस समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया था उसके पूरा होने की ख़ुशी है, पर ये दुख भी है कि भाजपा ने इसके मूल स्वरूप व गुणवत्ता से समझौता किया है। भाजपा विकास के रास्ते बनाना नहीं जानती है।
जातिगत आधार पर मंत्री बनाया : मायावती
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी कैबिनेट विस्तार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, बीजेपी ने रविवार को यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते। क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे, तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी। जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं। बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह है।
अब याद आई है
बसपा प्रमुख ने आगे कहा, ‘यूपी भाजपा सरकार पूरे साढ़े चार वर्षों तक यहां के किसानों की घोर अनदेखी करती रही व गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया। जिस उपेक्षा की ओर 7 सितम्बर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है, जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है। केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुःखी व त्रस्त है। लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।’ कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, भाजपा ने उप्र के गन्ना किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। 4.5 सालों में 35 रू की मामूली बढ़ोत्तरी के बाद अब गन्ना किसानों को मात्र 350 रुपये प्रति क्विंटल देने की घोषणा हुई है, जबकि किसानों की लागत बहुत बढ़ चुकी है। उप्र के गन्ना किसानों को 400 रुपये प्रति क्विंटल से एक रुपया भी कम नहीं चाहिए।
इन 7 नए चेहरों को मिला मौका
बताते चलें कि लंबी ऊहापोह के बाद रविवार को योगी सरकार में 7 नए चेहरों को शामिल किया गया। इसमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जितिन प्रसाद सबसे बड़े चेहरे हैं। उनके साथ ही पार्टी ने बरेली के बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक छत्रपाल सिंह गंगवार को मंत्री बनाया है। भाजपा ने हस्तिनापुर के विधायक दिनेश खटीक और बलरामपुर की सदर सीट से विधायक पलटू राम को भी नए कैबिनेट में जगह दी है। महिला मंत्री के नाम पर गाज़ीपुर सीट से विधायक डॉ संगीता बलवंत बिंद को स्थान दिया गया है। इसके अलावा पार्टी ने हाथरस जिले के ओबीसी समाज के विधान परिषद सदस्य धर्मवीर प्रजापति और सोनभद्र जिले की ओबरा विधानसभा सीट से विधायक संजीव कुमार गोंड़ को मंत्रिमंडल में जगह दी है। रविवार शाम को एक कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी नए मंत्रियों को शपथ दिलाई।