जेवर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत जमीन अगले एक हफ्ते में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के नाम दर्ज हो जाएगी। जिला प्रशासन ने जमीन नागरिक उडडयन विभाग के लिए अधिग्रहीत की है। इसके लिए 96 करोड़ रुपये की स्टांप डयूटी लगेगी। नियाल के चारों साझीदार यह रकम देंगे। सरकार को छोड़कर तीनों प्राधिकरणों ने अपने-अपने हिस्से का पैसा दे दिया है। जल्द ही सरकार का अशंदान भी मिल जाएगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई है। इसमें से करीब 100 हेक्टेयर जमीन सरकारी है, जिसका पुर्नग्रहण हो चुका है। अभी यह जमीन नागरिक उड‘डयन विभाग के नाम है। यह जमीन अब नियाल के नाम पर ट्रांसफर होगी। तभी जमीन का कब्जा विकासकर्ता कंपनी को दिया जाएगा। नियाल के नाम जमीन कराने के लिए 96 करोड़ रुपये की स्टांप ड‘यूटी लगेगी। यह पैसा सरकार, नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व यमुना प्राधिकरण देगा। सरकार व नोएडा प्राधिकरण 37.5-37.5 प्रतिशत और ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण 12.5-12.5 प्रतिशत देगा। सरकार को छोड़कर अन्य हिस्सेदारों ने अपना-अपना पैसा दे दिया है। जल्द ही सरकार की ओर से पैसा मिल जाएगा। अगले एक हफ्ते में जमीन नियाल के नाम दर्ज हो जाएगी।
जमीन हस्तांतरण को लेकर चर्चा
नियाल और एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के बीच मंगलवार को बैठक हुई। बैठक में कई मुददों पर चर्चा हुई। इसमें जमीन हस्तांतरण को लेकर भी चर्चा हुई। जेवर एयरपोर्ट परियोजना के प्रभावित परिवारों को जेवर बांगर में शिफ़्ट करने का काम अंतिम चरण में है। नियाल का प्रयास रहेगा कि अब जमीन विकासकर्ता कंपनी को सौंप दिया जाए। उम्मीद जताई जा रही है कि अगस्त में एयरपोर्ट का शिलान्यास हो सकता है। एयरपोर्ट सारी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। परिवारों की शिफ्टिंग का काम बाकी थी, वह भी अब पूरा होने वाला है।