जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट : रनहैरा गांव के लोगों का यमुना अथॉरिटी पर प्रदर्शन, यह हैं मांग

Tricity Today | रनहैरा गांव के लोगों का यमुना अथॉरिटी पर प्रदर्शन



Greater Noida : जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से प्रभावित रनहैरा गांव के सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा पहुंचे। इन लोगों ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के बाहर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि हवाईअड्डे के इस दूसरे चरण में उनके गांव को विस्थापित किया जाएगा। दूसरे फेज के विस्थापित परिवारों के लिए फलैदा गांव के पास नई टाउनशिप बसाई जा रही है। रनहैरा के ग्रामीण उस नई टाउनशिप में जाकर रहने को तैयार नहीं हैं। इनका कहना है कि मॉडलपुर गांव के पास बसना चाहते हैं। इसी मांग को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने यह प्रदर्शन किया है।

फलैदा की बजाय मॉडलपुर में बसना चाहते हैं ग्रामीण
शुक्रवार की दोपहर रन्हैरा गांव से बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे और युवा ग्रेटर नोएडा पहुंचे। इन लोगों ने दावा किया कि उनके गांव के अधिकांश लोग यहां मौजूद हैं। इन लोगों का नेतृत्व कर रहे प्रीतमपाल सिंह ने कहा, "जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण में हमारे गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। हमारा गांव विस्थापित किया जाएगा। प्राधिकरण हमें फलैदा गांव के पास बसाना चाहता है। हम लोग मॉडलपुर गांव के पास बसना चाहते हैं। हमारी बात सुनी नहीं जा रही है।" प्रीतमपाल सिंह ने आगे कहा, "हम लोग फलैदा के पास नई टाउनशिप में बसने को तैयार नहीं हैं। हमारे साथ जबरदस्ती क्यों की जा रही है? मुख्यमंत्री ने कहा था कि जहां गांव वाले स्वैच्छा से बसना चाहें, उन्हें वहीं बसाया जाए।"

हमारी मांग मानी जाएगी तो भूमि अधिग्रहण को सहमति देंगे
रन्हैरा गांव के निवासी ओम कुमार शर्मा ने कहा, "फलैदा गांव के पास जहां हम लोगों को बसाने की बात की जा रही है, वहां की जमीन बहुत खराब है। पूरे इलाके में सबसे खराब जमीन फलैदा कट के पास है। वहां 30 फुट गहराई तक बालू रेत है। मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। हम लोग अपने गांव के पास मॉडलपुर में बसना चाहते हैं। वहां पहले से ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमारा गांव किसी शहर से कम नहीं है। यही वजह है कि हम लगातार मॉडलपुर में बसने की बात कर रहे हैं। यमुना प्राधिकरण और प्रशासन हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। अगर हम लोगों को मॉडलपुर में नहीं बसाया गया तो हम भूमि अधिग्रहण का विरोध करेंगे। कहा जा रहा है कि अब तक 85% किसान भूमि अधिग्रहण को सहमति दे चुके हैं। हमारे गांव के लगभग 90% लोग यहीं मौजूद हैं। हम लोग तभी सहमति देंगे, जब हमें मॉडलपुर गांव के पास बसाया जाएगा।"

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