Tricity Today | किसानों के लिए बसाई जा रही है शानदार टाउनशिप
Jewar Airport News : जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी (DM Gautam Buddh Nagar) और जेवर से विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह (Dhirendra Singh MLA) नगला गणेशी गांव पहुंचे। किसानों के साथ बैठक की। समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। अंततः किसानों ने भी भरोसा दे दिया कि वह लोग गांव छोड़कर टाउनशिप में बसने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि फिलहाल हवाई अड्डे के लिए 6 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इस पर अगले दो से ढाई वर्षों में हवाई अड्डे का पहला चरण विकसित किया जाएगा। दो गांव और चार मजदूरों के 3,627 परिवार विस्थापित होंगे। इन्हें जेवर कस्बे के पास एक टाउनशिप में बताया जाएगा। टाउनशिप के विकास का काम भी तेजी से चल रहा है। शुक्रवार को Tricity Today की टीम ने टाउनशिप का दौरा किया। पेश है ग्राउंड जीरो से हरीश राय और मयंक तंवर की या खास रिपोर्ट।
शहर की तरह चौड़ी-चौड़ी सड़कें बन रही हैं
जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापित परिवारों को जेवर बांगर में बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां करीब 49 हेक्टेयर में विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। सीवर लाइन और नाली का काम पूरा हो गया है। सड़क बनाने का काम अंतिम दौर में है। शहरी मास्टरप्लान की तरह चौड़ी-चौड़ी सड़कें बनाई गई हैं। अगले एक महीने में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी। परियोजना के प्रभावित परिवारों को बसाने के लिए करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
हर गांव-मजरे के लिए अलग पॉकेट बनाया
अभी 7 गांव और मजरों को विस्थापित करके टाउनशिप में बसाया जाना है। इनके लिए अलग-अलग पॉकेट विकसित की गई हैं। पॉकेट-1 में रोही गांव को लाकर बसाया जाएगा। पॉकेट-2 में नंगला गनेशी, पॉकेट-3 में नंगला फूल खान, पॉकेट-4 में किशोरपुर, पॉकेट-5 में दयानतपुर खेड़ा, पॉकेट-6 में नगला शरीफ खान और पॉकेट-7 में नगला छीतर के ग्रामीण बसाए जाएंगे। सभी सात पॉकेट के लिए काम एक साथ और युद्ध स्तर पर चल रहा है। प्राधिकरण और प्रशासन ने किसानों को मिलने वाले प्लॉट्स के सामने नंबर लिख दिए हैं।
शहर की तरह बिजली और पानी मिलेंगे
अब टाउनशिप में बिजली और पानी की आपूर्ति की योजना पर काम तेजी के साथ चल रहा है। टाउनशिप में अंडरग्राउंड वाटर रिजर्वायर बनाया जा रहा है। ओवर हैड टैंक भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा इस टाउनशिप को जेवर कस्बे से बिजली नहीं मिलेगी। 11 और 33 केवीए क्षमता के बिजली सब स्टेशन इसके लिए अलग से बनाए जा रहे हैं। अंडरग्राउंड एलटी लाइन और यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-32 में बन रहे 220 केवीए सब स्टेशन से जेवर बांगर तक 33 केवीए की लाइन बिछाने का काम चल रहा है। यह काम भी अगले दो-तीन महीनों में पूरा हो जाएगा।
मंदिर-मस्जिद और कम्युनिटी सेंटर बनेंगे
अगले एक महीने में किसानों को उनके भूखंडों पर कब्जा दे दिया जाएगा। टाउनशिप में मंदिर-मस्जिद जैसे धार्मिक स्थल बनाने के लिए जमीन आरक्षित कर दी गई है। दो कम्युनिटी सेंटर भी बनाए जाएंगे। जिनमें यहां के निवासी शादी, ब्याह, पंचायत, बैठक और तमाम दूसरी सामूहिक गतिविधियों का आयोजन कर सकते हैं।
गांव का पड़ोसी यहां भी पड़ोसी ही रहेगा
लोगों के सहचर्य का प्राधिकरण ने पूरा ख्याल रखा है। गांव में जो परिवार एक-दूसरे के पड़ोसी थे, उन्हें टाउनशिप में भी पड़ोस में ही जगह दी जाएगी। दयानतपुर गांव के मजरे नगला शरीफ, नगला छीतर और दयानतपुर खेड़ा हैं। रोही गांव में रोही, नगला गणेशी और नगला फूल खां शामिल हैं। किशोरपुर गांव के परिवार भी शामिल हैं। इन परिवारों को बसाने के लिए किशोरपुर को 10 हजार वर्ग मीटर, दयानतपुर गांव को एक लाख वर्ग मीटर और रोही गांव के लिए 70 हजार वर्ग मीटर जमीन विकसित की गई है।
स्कूल, बैंक और डाकघर भी बनने शुरू
परिवारों को यहां शहरों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। टाउनशिप में कमर्शियल सेंटर, बैंक, डाकघर, स्कूल, अस्पताल और बस अड्डा भी बन रहे हैं। मौके पर काम कर रहे यमुना प्राधिकरण के प्रोजेक्ट हेड अशोक सक्सेना ने बताया कि सारे विकास कार्य एकसाथ चल रहे हैं। दस ठेकेदार इस काम में जुटे हैं। एयरपोर्ट परियोजना के प्रभावित परिवारों को बसाने के लिए जेवर बांगर में विकास कार्य 70 प्रतिशत पूरे हो गए हैं। मई तक यहां पर सभी काम पूरे करा लिए जाएंगे।
गांवों से यहां आकर सुख मिलेगा: अरुणवीर सिंह
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, "अपने पुरखों और पीढ़ियों के गांवों को छोड़ना आसान बात नहीं होती है। यह एक संवेदनात्मक और भावनात्मक रिश्ता है। इसकी भरपाई कोई किसी भी तरह से नहीं कर सकता लेकिन मैं यह वादा करता हूं कि गांवों से इस टाउनशिप में आकर ग्रामीण सुख का अनुभव करेंगे। उनके लिए किसी भी तरह की कोई सुविधा यहां शेष नहीं छोड़ी जाएगी। यहां आकर लोगों को एहसास होगा कि उनके जीवन स्तर में बड़ा बदलाव आया है। हम बहुत जल्दी भूखंडों पर कब्जा दे देंगे। जब तक लोग अपना घर बनाएंगे, उससे पहले तमाम सुविधाएं उन्हें मिलने लगेंगी।"