Tricity Today | रोही गांव से हटाई गई हनुमान जी की 24 फीट ऊंची मूर्ति
Greater Noida : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। साथ ही इसकी जद में आने वाले गांवों के लोगों को नए स्थान पर शिफ्ट करने का अभियान तेज हो गया है। इसी क्रम में रोही गांव में स्थित भगवान हनुमान की 70 साल पुरानी मूर्ति को वहां से हटाकर बनवारी लाल बाग के पास प्रतिस्थापित किया गया है। पूरी सावधानी से पवन पुत्र की मूर्ति को बनवारी लाल बाग लाया गया, जहां विधि-विधान और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ उन्हें प्रतिस्थापित किया गया।
इस दौरान पूरी सावधानी बरती गई। ताकि बजरंगबली की मूर्ति को किसी तरह की क्षति न हो। साथ ही भगवान भोलेनाथ की भी एक मूर्ति को नए स्थान पर वैदिक विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ प्रतिस्थापित किया गया। ये दोनों मूर्तियां स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र हैं। हालांकि एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट के निर्माण की वजह से इन्हें नए स्थान पर स्थापित करना पड़ा।
15 साल पहले स्थापित की गई
रोही गांव के निवासी अजीत सिंह ने बताया, गांव के मंदिर में भगवान हनुमान की 24 फीट ऊंची मूर्ति करीब 15 साल पहले स्थापित की गई थी। हालांकि ये मंदिर बहुत पुराना है। मंदिर में पहले भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति थी। बाद में बजरंग बली की मूर्ति यहां स्थापित की गई। गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद और अलीगढ़ समेत कई अन्य जिलों से लोग यहां पवन पुत्र के दर्शन के लिए आते थे। मगर जेवर एयपोर्ट की जद में आने की वजह से इसी महीने 10 सिंतबर को मूर्ति हटा कर नई जगह स्थापित की गई।
114 परिवार छोटी रोही गांव में बसे
उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के चलते रोही गांव के लोगों को विस्थापित होना पड़ा। ग्रामीणों ने जेवर में बनवारी लाल बाग के पास छोटी रोही गांव बसाया है। यहां फिलहाल 114 परिवार रहते हैं। यही पर हनुमान जी की मूर्ति प्रतिस्थापित की गई है।
11,510 पेड़ों को हटाया जाएगा
आपको बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पेड़ों को कई चरणों में हटाया जाएगा। इन पेड़ों की मैपिंग का काम शुरू हो गया है। इसके बाद इन्हें हटाने का अभियान शुरू किया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर वन विभाग पहले ही एयरपोर्ट की अधिग्रहित जमीन से 11510 पेड़ों को हटाने की अनुमति दे चुका है। हालांकि पहले चरण में सिर्फ उन्हीं वृक्षों को हटाया जाएगा, जो निर्माण कार्य के लिहाज से जरूरी होंगे या जिन से उड़ानों पर असर पड़ेगा। अन्य पेड़ों को चरणबद्ध तरीके से बाद में हटाया जाएगा।