यमुना सिटी : अगले 20 वर्षों में 39 लाख होगी पॉपुलेशन, 8 लाख घरों की होगी जरूत, नए मास्टर प्लान में होंगी ये खूबियां

Tricity Today | यमुना अथॉरिटी



Yamuna City : ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक बसाए जा रहे यमुना सिटी की जनसंख्या अगले दो दशक में 39 लाख के आसपास होगी। इस पॉपुलेशन के लिए यहां 8 लाख घरों की जरूरत होगी। इतना ही नहीं करीब 12 हजार हेक्टेयर जमीन कमर्शियल एक्टिविटीज के लिए इस्तेमाल की जाएगी। यह शहर औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र होगा। लिहाजा, आबोहवा को दुरुस्त रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरियाली की जरूरत होगी। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) के मास्टर प्लान-2041 में यह सारी खूबियां समाहित की जा रही हैं। अथॉरिटी का नया मास्टर प्लान बनकर तैयार हो गया है। इसे बहुत जल्दी राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

इंडस्ट्री और ग्रीनरी के लिए एरिया बढ़ाया गया
यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान-2041 में दो खूबियां रहेंगी। यह शहर पूरी तरह औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा। बड़े-बड़े उद्योग लगेंगे। ऐसे में यहां पर्यावरण का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नए मास्टर प्लान में ग्रीन एरिया बढ़ाया गया है। अभी तक कुल क्षेत्रफल में 29% भूमि पर ग्रीन एरिया विकसित किया जा रहा था। अब यह दायरा बढ़ाकर 35% कर दिया गया है। मतलब, जितने क्षेत्रफल पर शहर बसाया जाएगा, उसका एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा हरा-भरा रखा जाएगा। इससे प्रदूषण से लड़ने में मदद मिलेगी। यहां रहने वाले निवासियों की सेहत पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। अभी तक इंडस्ट्री के लिए केवल 17% भूमि आरक्षित रहती थी। अब इंडस्ट्री के लिए 21% जमीन आवंटित की जाएगी।

इंडस्ट्रियल सेक्टरों के पास ही रेजिडेंशियल फैसिलिटी
यमुना सिटी स्मार्ट शहर होगा। यहां ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर फोकस रखा जाएगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक सेक्टरों के पास ही आवासीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जिससे उद्योगों में काम करने वाले लोग नजदीक ही रहेंगे। ऐसा करने से लोगों को बिना वजह यात्रा नहीं करनी होगी। जिसका फायदा शहर के ट्रैफिक सिस्टम को नियंत्रित करने में मिलेगा।

वर्ष 2041 तक पॉपुलेशन 39 लाख होगी
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि मास्टर प्लान-2041 बनाने के लिए व्यापक रिसर्च की गई है। जिससे पता चला है कि वर्ष 2041 तक इस शहर की जनसंख्या 39 लाख तक पहुंच सकती है। इस आबादी को आवासीय सुविधाएं देने के लिए करीब 8 लाख घरों की जरूरत रहेगी। इस जनसंख्या की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े वाणिज्य केंद्र विकसित करने होंगे। मास्टर प्लान के मुताबिक करीब 12 हजार हेक्टेयर जमीन कमर्शियल एक्टिविटी में इस्तेमाल की जाएगी। इस मास्टर प्लान में करीब 4,000 हेक्टेयर जमीन इंडस्ट्री को दी जाएगी। दरअसल, यमुना अथॉरिटी पिछले 5 वर्षों के दौरान बड़े पैमाने पर औद्योगिक भूखंडों का आवंटन कर चुकी है। अब आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और सहायक गतिविधियों पर प्राधिकरण का फोकस रहेगा।

मिक्स लैंड यूज का नया कांसेप्ट लाई अथॉरिटी
नए मास्टर प्लान में यमुना प्राधिकरण मिक्स लैंड यूज का नया कॉन्सेप्ट लेकर आया है। इसमें बड़े भूखंड बड़ी औद्योगिक कंपनियों को दिए जाएंगे। कंपनियां एक छोटे शहर की शक्ल में प्रोजेक्ट डेवलप करेंगी। मतलब, एक ही परिसर में औद्योगिक इकाई, आवासीय सुविधाएं, स्कूल, अस्पताल, खेल का मैदान, कमर्शियल कंपलेक्स और तमाम दूसरी जरूरत पूरी होंगी। इससे शहर में एक छोर से दूसरे छोर की ओर लोगों की भागदौड़ खत्म हो जाएगी। इस कैटेगरी के लिए मास्टर प्लान में 17% जमीन आरक्षित की गई है।

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