Yamuna Authority : यूरोप जैसा होगा यमुना सिटी का इंफ्रास्ट्रक्चर, मास्टरप्लान तैयार, जानिए क्या होगी नए शहर की खूबियां

Tricity Today | यमुना प्राधिकरण



Yamuna City : गौतमबुद्ध नगर से आगरा तक बसाए जा रहे नए शहर यमुना सिटी का आधारभूत ढांचा यूरोपियन शहरों जैसा होगा। इस नए शहर का मास्टर प्लान तैयार हो गया है। यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने मार्स कंपनी से यह मास्टर प्लान बनवाया है। कंपनी अगले सप्ताह तक मास्टर प्लान प्राधिकरण को सौंप देगी। इस शहर में ग्रीन एरिया ज्यादा होगा। कम बिजली की खपत होगी। सीवर और बारिश के पानी का जीरो डिस्चार्ज होगा। सड़कें चौड़ी और एक-दूसरे को समकोण पर क्रॉस करेंगी। इतना ही नहीं देश का पहला एयरोट्रोपोलिस भी इसी शहर का हिस्सा होगा।

नए मास्टर प्लान के मुताबिक वर्ष 2041 तक यमुना सिटी की आबादी करीब 42 लाख होगी। इस आबादी के लिए करीब 8 लाख घरों की जरूरत पड़ेगी। करीब 12 हजार हेक्टेयर जमीन पर आवासीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मास्टर प्लान में मिश्रित भू-उपयोग होगा। प्रत्येक सेक्टर में श्रमिकों के लिए झुग्गी की बजाय छोटे-छोटे घर बनेंगे। मिश्रित लैंड यूज में आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, अस्पताल और शिक्षण संस्थान शामिल रहेंगे। पॉड टैक्सी, सिटी बस, मेट्रो, रैपिड रेल, एक्सप्रेसवे, अत्याधुनिक बस स्टैंड और पार्किंग बनाई जाएंगी। देश के सबसे अत्याधुनिक फ्यूल स्टेशन इस शहर में बनेंगे। जिनमें वाहनों को डीजल, पेट्रोल, सीएनजी, पीएनजी और बिजली एकसाथ मिलेगी। इसके अलावा लॉजिस्टिक सिटी, फन सिटी, स्पोर्ट्स सिटी, फिनटेक सिटी और इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाई जाएंगी।

शहर का हर सेक्टर मुक़्क़मल यूनिट होगा
अगले महीने होने वाली यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस मास्टर प्लान को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद शासन को मंजूरी के लिए मास्टर प्लान भेजा जाएगा। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। नए मास्टर प्लान में सभी सेक्टर एक आत्मनिर्भर यूनिट होंगे। मसलन, बिजली, पानी, सीवर ट्रीटमेंट, बाजार, स्कूल, अस्पताल, पुलिस और पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसी सारी सुविधाएं यहां मिलेंगी। हर सेक्टर से निकले वाले सीवर को शोधित करके दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा। हर सेक्टर अपना कूड़ा प्रबंधन खुद करेगा।

शहर की अर्थव्यवस्था का केंद्र जेवर एयरपोर्ट
यमुना सिटी की पूरी अर्थव्यवस्था नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आधारित होगी। यह शहर देश के पहले एयरोट्रोपोलिस का स्वरूप लेगा। इसमें ओलंपिक पार्क, ओलंपिक विलेज, मेडिकल डिवाइस पार्क, लैदर पार्क, इकोटूरिज्म सेंटर, गोल्फ कोर्स, सेंट्रल बिजनेस सेंटर, एमआरओ हब और लॉजिस्टिक हब विकसित हो रहे हैं। यूरोपियन इंफ्रास्ट्रक्चर की तरह बाजार और घर एकसाथ बनाए जाएंगे। इसके लिए करीब 5,000 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। इतनी जमीन खरीदने के लिए प्राधिकरण में पांच राजस्व अफसरों की नियुक्ति की गई हैं। चार तहसीलदार आ चुके हैं। एक डिप्टी कलेक्टर अगले सप्ताह प्राधिकरण में ज्वाइन करेंगे।

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