नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी बड़ी खबर है। हवाई अड्डे के करीब प्रस्तावित इलेक्ट्रॉनिक सिटी को कहीं और शिफ्ट किया जा सकता है। एयरपोर्ट के दूसरे फेस में प्रस्तावित रनवे की वजह से इस सिटी को दूसरी जगह विकसित करने पर मंथन चल रहा है। इस संबंध में सोमवार को लखनऊ में तीनों प्राधिकरणों की समीक्षा बैठक हुई थी। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना इसकी अगुवाई कर रहे थे। इसी दौरान इस अहम विषय पर चर्चा की गई।
दरअसल पहले राज्य सरकार ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब इलेक्ट्रॉनिक सिटी डेवलप करने के निर्देश यमुना प्राधिकरण को दिए थे। अथॉरिटी ने इस सिलसिले में सेक्टरों का नियोजन भी किया और प्रदेश सरकार के माध्यम से एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को मंजूरी के लिए भेज दिया था। पर अब एयरपोर्ट पर प्रस्तावित रनवे के बाद इस जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसलिए रनवे और हवाई अड्डे के निर्माण के बाद शेष जमीन पर ही इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाई जा सकेगी। हालांकि एलाइनमेंट तय होने के बाद ही इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर का नियोजन किया जाएगा।
इसी बीच प्राधिकरण ने एरिया में औद्योगिक भूखंडों के आवंटियों को साढ़े तीन फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) लागू करने पर असमर्थता जताई है। पहले औद्योगिक भूखंडों के लिए 2.5 एफएआर पर सहमति बनी थी। साथ ही एक एफएआर खरीदने की मंजूरी दी गई थी। नोएडा एयरपोर्ट की वजह से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इमारतों की अधिकतम ऊंचाई तय है। इसलिए प्राधिकरण ने 3.5 एफएआर लागू करने से मना कर दिया है। बैठक में प्राधिकरणों को औद्योगिक आवंटन के लिए लैंड बैंक तैयार करने में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, मुख्य कार्यपालक यूपीसीडा मयूर महेश्वरी, मुख्य कार्यपालक नोएडा अथारिटी ऋतु माहेश्वरी, सीओ ग्रेटर नोएडा नरेन्द्र भूषण तथा सीओ यमुना अथॉरिटी अरूण वीर सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक्सप्रेस-वे के किनारे एक-एक किलोमीटर के दायरे में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जायेगा। एक्सप्रेस-वे से सटे जमीन के अधिग्रहण में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में बेकार एवं बंजर भूमि पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जायेंगी।