जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) के रहा की आखिरी बाधा भी आज दूर हो गई है। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है। दूसरी ओर विकासकर्ता कंपनी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) की सलाह पर मास्टर प्लान में बदलाव कर रही है। सुधार के बाद यह मास्टर प्लान जल्दी एक बार फिर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। उम्मीद है कि मार्च महीने में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए शिलान्यास हो जाएगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य के अफसरों को आदेश दिया था कि एयरपोर्ट से जुड़ी कोई भी फाइल और दस्तावेज अटकना नहीं चाहिए।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) से मिली जानकारी के मुताबिक, जेवर एयरपोर्ट के मास्टर प्लान को रक्षा मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है। इससे पहले नागर विमानन महानिदेशालय का जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है। अब केवल नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से अनापत्ति व सुझाव मिलना बाकी है। इन सबमें रक्षा मंत्रालय का अनापत्ति प्रमाण पत्र सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। रक्षा मंत्रालय का अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद सुरक्षा ब्यूरो का प्रमाण पत्र सामान्य रूप से मिल जाएगा। अब अनापत्ति प्रमाण पत्र और संशोधन को यमुना प्राधिकरण बोर्ड में भेजा जाएगा। प्राधिकरण बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद इसे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को भेजा जाएगा।
मिली जानकारी के यह सारी प्रक्रियाएं फरवरी में पूरी कर ली जाएंगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। उम्मीद है कि अगले डेढ़ महीने में निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फैसले लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। इससे प्रोजेक्ट रफ्तार पकड़ेगा। दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी विभागों की संयुक्त बैठक का आयोजन किया। जिम्मेदार अफसरों को कहा गया कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ा कामकाज बिना बाधा के पूरा होना चाहिए। परियोजना की कोई भी फाइल या दस्तावेज किसी भी पटल पर अटकना नहीं चाहिए।
विमानों के रखरखाव की निर्भरता खत्म होगी
अधिग्रहीत की जाने वाली इस 1365 हेक्टेयर जमीन पर तीसरा रनवे और एमआरओ सेंटर बनेगा। देश के विमानों का मेंटेनेंस, रिपेयर ओवरहालिंग (एमआरओ) के लिए दूसरे देशों में होता है। जेवर एयरपोर्ट पर एमआरओ सेंटर भी बनेगा, जिससे विमान यहीं दुरुस्त हो सकेंगे। इससे बचत के साथ ही देश भर में विमानों के मेनटनेंस, रिपेयर एंड ओवरहालिंग से जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
सरकारी जमीन का नहीं करना होगा पुनर्ग्रहण
अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन में कुछ जमीन सरकारी भी होगी। प्रदेश सरकार ने अब ऐसा नियम बना दिया है कि संबंधित एजेंसी को पुर्नग्रहण नहीं करना होगा। पुर्नग्रहण करने में काफी समय लगता है। अब इससे राहत मिलेगी। साथ ही अधिग्रहण में भी समय बचेगा।
इन गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी
गांव का नाम जमीन हेक्टेयर में
करौली बांगर 183
कुरैब 345
बीरमपुर 96
दयानतपुर 165
रन्हेरा 519
नंगलाशाहपुर 115
मुंढेरा 43
जेवर एयरपोर्ट के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव प्रशासन को भेज दिया गया। राजस्व विभाग की टीम अब इसे सत्यापित करके रिपोर्ट भेजेगी। - डॉ अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण