यमुना प्राधिकरण की हेरिटेज सिटी: गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़ और मथुरा की कुछ इस तरह बदल जाएगी सूरत

Tricity Today | Dr. Arunvir Singh



यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब गौतमबुद्ध नगर से बाहर निकलकर अपनी योजनाओं को अलीगढ़ और मथुरा की तरफ ले जा रहा है। यमुना नदी के किनारे राया (मथुरा) में बसाई जाने वाली हेरिटेज सिटी में सबसे पहले पर्यटन जोन और रीवर फ्रंट को विकसित किया जाएगा। इसे वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर से जोड़ दिया जाएगा। ताकि मथुरा और आगरा आने वाले पर्यटक यहां पर भी आकर रुक सकें। अगले साल जुलाई तक इसके विकास के लिए एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा। इस परियोजना को सात चरणों में विकसित करने की तैयारी चल रही है। वर्ष 2025 में परियोजना पूरी हो जाएगी।

यमुना प्राधिकरण ने राया में 9 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में हेरिटेज सिटी बनाने की योजना बनाई है। इसमें हर तरह की गतिविधि शामिल हैं। पहले पूरी सिटी को एकसाथ बसाने की तैयारी थी। लेकिन अब इसमें कुछ बदलाव किया गया है। इस हेरिटेज सिटी में सबसे पहले पर्यटन जोन और रीवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। पर्यटन जोन 731 हेक्टेयर और रीवर फ्रंट 109.7 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की डीपीआर और विकासकर्ता एजेंसी का चयन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए आरएफपी निकाल दिया गया है। इसकी निविदा 9 जनवरी को खोली जाएगी।

यमुना प्राधिकरण के मुताबिक, डीपीआर बनाने के लिए जनवरी में सलाहकार एजेंसी का चयन हो जाएगा। मार्च में डीपीआर बन जाएगी। विकासकर्ता एजेंसी के चयन के लिए मई में निविदा निकाली जाएगी। यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जुलाई में विकासकर्ता एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा।

चौरासी कोस परिक्रमा की व्यवस्था की जाएगी : पर्यटन के लिहाज से यह परियोजना महत्वपूर्ण है। इसलिए इसको वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के पास ही यमुना नदी में उत्तर प्रदेश सेतु निगम पुल का निर्माण कर रहा है। इससे यह परियोजना बांके बिहारी मंदिर से जुड़ जाएगी। इस परियोजना की खास बात यह होगी कि लोग पैदल व गाड़ी से इस परियोजना की परिक्रमा कर सकेंगे। दोनों के लिए अलग-अलग ट्रैक बनेंगे।

इन 7 चरणों में पूरी परियोजना शक्ल लेगी
  1. प्रारंभिक सुविधाएं विकसित होंगी : परियोजना के पहले चरण में प्रारंभिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसमें सड़क, नाली, सीवर, पानी की लाइन आदि काम शामिल हैं।
  2. रीवर फ्रंट को विकसित होगा : दूसरे चरण में रीवर फ्रंट को विकसित किया जाएगा। यह रीवर फ्रंट गुजरात में बने साबरमती और लखनऊ में बने गोमती रीवर फ्रंट की तरह होगा।
  3. थीम पार्क विकसित किया जाएगा : परियोजना के तीसरे चरण में थीम पार्क विकसित किया जाएगा। यह क्षेत्र ही पर्यटकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा। इसमें मिनियेचर, गांव आदि विकसित किए जाएंगे।
  4. व्यापारिक पर्यटन विकसित होगा : इस चरण में एक्सप्रेस वे के किनारे व्यापारिक पर्यटन को विकसित किया जाएगा। इसमें पुराने शहर की झलक दिखेगी।
  5. शहर का बाहरी हिस्सा विकसित करेगा : इस चरण में शहर के बाहरी हिस्से को विकसित किया जाएगा। इसमें सामुदायिक जरूरतें और राजस्व बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा।
  6. टूरिज्म के लिए सुविधाएं विकसित होंगी : पर्यटन के लिहाज से सुविधाएं विकसित करना। दूसरे पर्यटन शहरों की तर्ज पर यहां भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
  7. ढांचागत सुविधाओं को और समृद्ध करेंगे : परियोजना के आखिरी चरण में बची हुई सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। साथ ही पर्यटन की ढांचागत सुविधाओं को और समृद्ध किया जाएगा।

हेरिटेज सिटी में सबसे पहले पर्यटन जोन व रीवर फ्रंट को विकसित किया जाएगा। सात चरणों में यह परियोजना विकसित की जाएगी। 2025 में यह परियोजना पूरी हो जाएगी।
- डॉ.अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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