Yamuna City : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का फार्मूला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) यमुना फिल्म सिटी में भी अपनाएंगे। जिस फार्मूले पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है अब उसी हाइब्रिड फाइनैंशल मॉडल पर फिल्म सिटी बसाई जाएगी। करीब 1,000 हेक्टेयर में बसाई जा रही फिल्म सिटी के पहले चरण पर 6,000 करोड़ पर खर्च होंगे।
देशी-विदेशी 20 कंपनियां शामिल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनने वाली देश की सबसे बड़ी फिल्म सिटी को लेकर यमुना अथॉरिटी ने तैयारी तेज कर दी है। फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर यमुना अथॉरिटी की ओर से निकाले गए ग्लोबल टेंडर में अभी तक देशी-विदेशी 20 कंपनियां शामिल हुई हैं। फिल्म सिटी को लेकर 7 नवंबर को लखनऊ में प्री बिड मीटिंग होगी। जिसमें औद्योगिक विकास आयुक्त, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव सूचना, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव नियोजन, प्रमुख सचिव एमएसएमई, यमुना अथॉरिटी के सीईओ समेत कई अफसर प्री बिड में शामिल होगे।
16 दिसंबर को होगा कंपनी का चयन
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरूणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी का ग्लोबल टेंडर निकलने के बाद अभी तक फिल्म सिटी के निर्माण के लिए देश-विदेश की 20 कंपनियों ने टेंडर में शामिल हो चुकी हैं। आगामी 7 नवंबर को होने वाली प्री बिड में सुझाव और आपित्तयों पर डिस्कशन होगा। उन्होने बताया कि इसके बाद 16 दिसंबर को फिल्म सिटी का फाइनल बिड ओपन की जाएगी। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास देश की सबसे बड़ी फिल्म सिटी बसाने का सपना जल्द पूरा हो सकेगा। यहां पर तमाम तरह की फिल्म की शूटिंग से लेकर स्टूडियों आदि सभी सुविधा एक ही छत के तले होंगी।
शूटिंग के लिए तैयार होगी फिल्म सिटी
फिल्म सिटी को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में फिल्म निर्माण से जुड़ी गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। इसके तहत फिल्म स्टूडियो, खुला एरिया, एम्यूजमेंट पार्क, विला आदि विकसित किए जाएंगे। 120 एकड़ में एम्यूजमेंट पार्क, 20-20 एकड़ में फिल्म स्टूडियो बनेंगे। पहले चरण के 80 प्रतिशत हिस्से me केवल फिल्म से जुड़े निर्माण कार्य किए जाएंगे। ताकि पहला चरण पूरा होते ही फिल्म की शूटिंग शुरू हो सके। फिल्म सिटी के दूसरे चरण में हास्पिटॉलिटी, रिजार्ट और व्यावसायिक गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। ताकि शूटिंग में आने वाले लोगों को सहूलियत मिले। साथ ही इनसे जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा मिले। तीसरे और अंतिम चरण में रिटेल डेवलपमेंट होगा। इस चरण में बचे हुए सारे काम किए जाएंगे।