Greater Noida News : जेवर में बन रहे नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का असर दिखने लगा है। पूरे इलाके में जमीन की मांग बढ़ गई है। हर श्रेणी के भूखंडों की मांग बढ़ी है। इसको देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने अपनी आवंटन दरों में 38 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी है। आवासीय भूखंड अब 6 प्रतिशत अधिक कीमत पर आवंटित होंगे। ग्रुप हाउसिंग में 26 प्रतिशत महंगे हो गए हैं। बिजलीघर और पोस्ट ऑफिस के भूखंडों की कीमत में 37 प्रतिशत तक की वृद्ध की गई है। नई दरें पहली अप्रैल से लागू मानी जाएंगी। इस वृद्धि के बाद अब इस इलाके में घर बनाना, उद्योग लगाना और कॉरपोरेट ऑफिस खोलना महंगा हो जाएगा।
बढ़ गई है भूखंडों की मांग
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होते ही यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भूखंडों की मांग बढ़ी है। अथॉरिटी के अफसरों का कहना है कि इस इलाके में प्राधिकरण की आवंटन दरों से बाजार की दर काफी अधिक हैं। इसी कारण अब यमुना प्राधिकरण ने अपनी आवंटन दरों में वृद्धि कर दी है। यमुना प्राधिकरण ने व्यावसायिक आवंटन में किसी तरह की वृद्धि नहीं की है। जबकि, सबसे कम आवासीय भूखंडों के आवंटन में वृद्धि की गई है। इस श्रेणी में 6 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग श्रेणी में भी बढ़ोतरी की है। ग्रुप हाउसिंग में अब आवंटन पहले की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक दर से किया जाएगा।
संस्थागत भूखंड 26% महंगे
संस्थागत श्रेणी में वृद्धि 26 प्रतिशत की गई है। बिजलीघर, पोस्ट ऑफिस और आईटी के भूखंडों में यह वृद्धि दर 37 प्रतिशत तक की गई है। इस इलाके में औद्योगिक भूखंडों की मांग सबसे अधिक हुई है। प्राधिकरण ने इसमें 38 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। हालांकि, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तुलना में यमुना प्राधिकरण की औद्योगिक दरें अभी कम हैं। नई दरें पहली अप्रैल से लागू मानी जाएंगी। नई दरों का निर्धारण वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए किया गया है। यमुना प्राधिकरण ने आवासीय भूखंडों की आवंटन दर को पहले दो श्रेणी में बांट रखा था। पहले 200 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की आवंटन अलग और इससे बड़े भूखंडों की आवंटन दर अलग रहती थीं। छोटे भूखंडों की आवंटन दर अधिक और बड़े भूखंडों की आवंटन दर कम होती हैं। अब यमुना प्राधिकरण ने आवासीय भूखंडों की आवंटन दर को एक कर दिया है।
औद्योगिक भूखंड छह श्रेणी में बांटे
यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक भूखंडों की दर को छह श्रेणी में बांट रखा है। अब नई दरें 5,880 रुपए प्रति वर्ग मीटर से लेकर 9,668 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हो गई हैं। पहले यह दरें 3,930 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 7,010 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक थीं। आईटी में भी छह श्रेणी बनाई गई हैं। इसमें आवंटन दर 6,140 से लेकर 11,630 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हो गई हैं। पहले इसकी आवंटन दर 4,450 से लेकर 8,430 रुपये प्रति वर्ग मीटर थीं। सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर में चार श्रेणी बनाई गई हैं। इस श्रेणी में दर 8,070 प्रति वर्ग मीटर से लेकर 15,450 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हो गई हैं। पहले यह दर 5,850 से लेकर 12,300 रुपये प्रति वर्ग मीटर थीं।
ये हैं संस्थागत श्रेणी की दरें
संस्थागत श्रेणी को भी 6 वर्ग में बांटा गया है। इस श्रेणी में दरें 5,510 प्रति वर्ग मीटर से लेकर 10,450 प्रति वर्ग मीटर तक कर दी गई हैं। पहले इस श्रेणी की आवंटन दर 4,360 से लेकर 8,270 रुपये प्रति वर्ग मीटर थीं। मिक्स लैंड यूज में 9 श्रेणी हैं। इसमें आवंटन दर 6,170 प्रति वर्ग मीटर से लेकर 7,070 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हैं। पहले इसकी आवंटन दर 4,470 से लेकर 5,120 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी।