यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपने 5 और गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करेगा। सोमवार को हुई प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इन गांवों के विकास में 38.16 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पांच गांवों में पहले से ही काम चल रहा है। इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने का प्रस्ताव करीब 6 महीने पहले जेवर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने दिया था।
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.ओमवीर सिंह ने बताया कि बोर्ड ने पांच और गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए अपनी मुहर लगा दी है। जिन गांवों को स्मार्ट बनाया जाएगा, उसमें खेरली भाव, रुस्तमपुर, रोनीजा, मूंजखेड़ा और सलारपुर शामिल हैं। इन गांवों के विकास पर 38.16 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पहले प्राधिकरण 5 गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए काम शुरू कर चुका है। प्राधिकरण कुल 29 गांवों को स्मार्ट बनाएगा। यह काम अगले डेढ़ साल में पूरा हो जाएगा।
सीईओ ने बताया कि इन गांवों में ड्रेनेज सिस्टम, चौपाल, युवा कौशल विकास, महिला विकास, इंटरनेट सुविधाएं, सामुदायिक भवन, स्ट्रीट लाइट, तालाबों का संरक्षण, सम्पर्क मार्ग का निर्माण करवाया जाएगा। इन गांवों के आधारभूत ढांचे के साथ-साथ सामुदायिक विकास पर भी जोर दिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण पहले से ही जेवर क्षेत्र के 5 गांवों में प्रोजेक्ट की शुरुआत कर चुका है। अब 5 और गांव को इस योजना में शामिल कर लिया गया है।