यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में डाटा सेंटर पार्क विकसित किया जाएगा। इसकी योजना इस माह के अंत तक आ आएगी। इस परियोजना में विश्व की डाटा सेंटर बनाने वाली बड़ी कंपनियों के आने की उम्मीद है। इसके लिए प्राधिकरण ने 200 एकड़ जमीन आरक्षित कर दी है। पहले चरण में 20 भूखंडों की योजना लाई जाएगी।
200 एकड़ जमीन आरक्षित हुई
यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 28 में डाटा सेंटर पार्क बनाने की योजना बनाई है। इस सेक्टर में ही मेडिकल डिवाइस पार्क भी बनना है। डाटा सेंटर पार्क के लिए प्राधिकरण ने 200 एकड़ जमीन आरक्षित कर दी है। पहले चरण में 20 भूखंडों की योजना आएगी। इस योजना में करीब 10 एकड़ के भूखंड होंगे। इस योजना में विदेशी कंपनियों के भी आने की उम्मीद है। इस योजना के आने से यमुना प्राधिकरण में निवेश आएगा और लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
20 हजार करोड़ का निवेश आएगा
उत्तर प्रदेश सरकार ने डाटा सेंटर नीति तैयार की है। इसके तहत प्रदेश में 250 मेगावाट का डाटा सेंटर विकसित किया जाना है। इससे राज्य में 20 हजार करोड़ का निवेश आएगा। इस नीति को यमुना प्राधिकरण ने स्वीकार कर लिया है। पिछली बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लग चुकी है। इस नीति के दायरे में 40 मेगावाट क्षमता वाले डाटा सेंटर ही आएंगे। परियोजना में लिए जाने वाले ऋण में सरकार 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी।
स्टांप डयूटी में 100 प्रतिशत की छूट
जमीन खरीदने में भी 25 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। किसी कंपनी द्वारा पहली इकाई के निर्माण में स्टांप डयूटी में 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी। जबकि दूसरी इकाई लगाने में यह छूट 50 प्रतिशत होगी। कंपनियों को 3 एफएआर दिया जाएगा। जबकि एक एफएआर खरीद सकेंगे। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में डाटा सेंटर पार्क विकसित किया जाएगा। इस महीने के अंत तक यह योजना आ जाएगी। इसके लिए 200 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है।