Tricity Today | जेवर एयरपोर्ट मेट्रो का खाका तैयार
ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) तक प्रस्तावित मेट्रो रेल (Metro Rail) धरातल पर उतरने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है। शासन ने डीएमआरसी (Delhi Metro Rail Corporation) से इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट व परियोजना तैयार कराने की अनुमति दे दी है। बताते चलें कि शहर के नॉलेज पार्क (Knowledge Park) से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) तक हाई स्पीड मेट्रो रेल प्रस्तावित है।
अब सिर्फ 5 स्टेशन बनेंगे
प्रशासन का पूरा प्रयास है कि नोएडा एयरपोर्ट पर उडानें शुरू होने तक ग्रेटर नोएडा से वहां तक मेट्रो सेवा भी बहाल हो जाए। नॉलेज पार्क से नोएडा एयरपोर्ट की सीमा तक 35.6 किलोमीटर मेट्रो रूट प्रस्तावित है। इसे बनाने में करीब 5708 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अब तक इस रूट पर 25 स्टेशन बनाने की योजना थी। लेकिन अब इसमें इसमें बदलाव किया गया है। दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो की तर्ज पर इसे एक्सप्रेस लाइन बनाया जाएगा। इसलिए 25 के बजाय फिलहाल अधिकतम पांच स्टेशन निर्मित किए जाएंगे। दरअसल इस रूट पर आबादी कम है। इस वजह से भी ज्यादा स्टेशनों की जरूरत नहीं है। बड़ी बात यह है कि इस रूट की परियोजना व फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी डीएमआरसी (DMRC) को सौंपी गई है। शासन ने इस पर मुहर लगा दी है।
ऐसा होगा रेल नेटवर्क
35 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो रूट की कई खासियत होंगी। मेट्रो नेटवर्क पर 32 किलोमीटर लाइन एलिवेटेड होगा। तीन किमी लाइन भूमिगत होगी। यह रेल रूट यमुना एक्सप्रेसवे के पैरलल ग्रीन बेल्ट से गुजरेगा। नेटवर्क का पहला स्टेशन नॉलेज पार्क-2 और आखिरी स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट टर्मिनल होगा। फिलहाल सेक्टर-18, सेक्टर-20 और सेक्टर-22 में भी स्टेशन बनाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बन जाने के बाद बनने वाले स्टेशनों के बारे में सही जानकारी मिलेगी। पहले तैयार की गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट में आकलन किया गया है कि, पहले दिन से ही 82242 यात्री प्रतिदिन सफर करेंगे। इस रूट पर प्रस्तावित अधिकतम गति सीमा 95 किलोमीटर प्रति घंटे रखी जाएगी।
कम स्टेशन की वजह से आएंगे ज्यादा मुसाफिर
कम स्टेशन बनाने की योजना से प्रोजेक्ट को फायदा मिलेगा। इससे इस रूट पर आने वाली लागत कम हो जाएगी। ट्रैक को कम वक्त में ही तैयार कर लिया जाएगा। ज्यादा स्टेशन बनाने में अधिक समय लगता। इस सेवा के शुरू होने के बाद यात्री नोएडा-ग्रेटर नोएडा से कम समय में एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। एयरपोर्ट जाने वाले लोग इस मेट्रो सेवा का उपयोग करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर 25 स्टेशन बनाए जाते, तो यात्रा में वक्त ज्यादा लगता। इसके चलते एयरपोर्ट जाने वाले यात्री इसका उपयोग कम करते। यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने इस बारे में बात की। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा से नोएडा एयरपोर्ट तक सामान्य मेट्रो के बजाय एक्सप्रेस लाइन बनाने का फैसला लिया गया है।
लाइट मेट्रो रेल का विकल्प भी खुला है
शासन के निर्देशानुसार प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी डीएमआरसी को सौंपी गई है। डीएमआरसी जल्द ही इसकी रिपोर्ट तैयार कर लेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद इस महत्वपूर्ण रूट के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी। ग्रेटर नोएडा से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक लाइट मेट्रो का विकल्प भी खुला है। डीएमआरसी इस रेल लाइन पर लाइट मेट्रो का भी विकल्प सुझाएगी। दरअसल लाइट मेट्रो के निर्माण में लागत बेहद कम होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य मेट्रो की तुलना में लाइट मेट्रो के निर्माण में 35-40 फीसदी कम लागत आएगी।